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*ग्रामीण क्षेत्रो में भी धूम धाम से मनाया गया विजयादशमी (दशहरा) का महा पर्व, रावण दहन के बाद रात्रिकालीन नाटक प्रोग्राम के साथ सम्पन्न हुआ कार्यक्रम…..*

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जशपुरनगर। असत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा 12 अक्टूबर को परंपरागत ढंग से मनाया गया। बादलखोल अभ्यारण क्षेत्र के कलिया, गायलूँगा, बुटंगा, में 20 फीट ऊंचे पुतले को जैसे ही दहन किया गया, मैदान जय-जयश्रीराम की जयघोष से गूंज उठा। पुतला दहन के बाद 12 प्रकार के पटाखों की आतिशबाजी से दर्शकों का मनोरंजन हुआ रंग-बिरंगी आतिशबाजी को देखने दर्शन देर शाम तक डटे रहे।विजयदशमी का पर्व दशहरा परंपरागत ढंग से मनाया गया।

शनिवार को शहर समेत अंचल में दशहरा पर्व हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। गांव में रावण दहन का मुख्य कार्यक्रम ग्रामीणों की ओर से शाम साढ़े आठ बजे सुखबासुपारा में मनाया गया।

इसके बाद बीरभद्र वृन्दावती मिलान तपकरा के कलाकारों ने नाटक , हिंदी, छत्तीसगढ़ी, भोजपुरी, ओड़िया, आधुनिक नागपुरी सभी प्रकार की गीत संगीत एवं हसी- मजाक से भरपूर मनोरंजन के साथ। कार्यक्रम का समापन हुआ। पुलिस प्रशासन की ओर से विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर कड़ी निगरानी की गई। दशहरा पर्व के लिए पुलिस समेत समिति टीम ने सुरक्षा का भार संभाला।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से समिति के सदस्यों द्वारा सुचारू कार्यक्रम बीते इसके लिये समिति अध्यक्ष रामबृक्ष भगत गायलूँगा के पूर्व सरपंच हीरालाल प्रधान ,उपसरपंच शिव कुमार यादव (शिवबाबा) कलिया सरपंच बिदेल भगत, हरिशंकर नायक , अर्जुन नाग. ,लोकनाथ यादव , मोहन चौहान सिंधु कुमार ,विद्याधर चौहान, प्रीतम यादव , पाहरू राम , मनेंद्र राम, बैगा राम, दुखा राम, भंडारी, बंधनु, सुन्दरनाथ, बीरेंद्र, जेठू राम, गिरिवर राम, एवं समिति के सभी सदस्यगण एवम कोटवारों की अहम भूमिका से कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

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