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*रेल के इंतजार में सड़क भी होने लगी जर्जर,टापू में तब्दील होने के कगार में पहुँचा जिला,सड़क निर्माण में लेट लतीफी का खामियाजा भुगत रहा है आदिवासी जिला……..*

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जशपुरनगर। रेल लाइन का सुनहरा सपना देख रहे जशपुर वासियों के पैरों से अब सड़क भी गायब होने लगी है। कटनी गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण एनएच निर्माण विभाग 7 साल में पूरा नहीं कर सका। अब,इसी रास्ते मे स्टेट हाइवे भी चलता हुआ नजर आ रहा है। मामला तपकरा कुनकुरी और चराई डांड़ बतौली राजमार्ग की बदहाली देख कर आप भी कह उठेंगे,जिले में रेल से पहले सड़क तो दे दो सरकार। जानकारी के लिए बता दें कि रेलविहिन जशपुर जिले को अन्य राज्य से जोड़ने में दो स्टेट हाईवे और एक राष्ट्रीय राजमार्ग की भूमिका प्रमुख है। कटनी गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग की जिले में लंबाई लगभग 135 किलोमीटर है। वर्ष 2010 में घोषित इस एनएच के चैड़ीकरण और नवीनीकरण के लिए केन्द्र सरकार ने 2015 में 14 सौ करोड़ रूपए की स्वीकृति दी थी। निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद वर्ष 2017 से दो भाग में निर्माण कार्य शुरू हुआ। पत्थलगांव से लेकर कुनकुरी और कुनकुरी से लेकर झारखंड की अंर्तराज्यी सीमा शंख तक दो अलग अलग निर्माण कंपनी को सड़क निर्माण की जिम्मेदारी दी गई। दूसरे भाग का निर्माण कार्य 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है। लेकिन पत्थलगांव से कुनकुरी के बीच का सफर,वाहन चालकों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है। इस अधूरे सड़क का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार अब तक तीन निर्माण एजेंसी बदल चुकी है। लेकिन,ये तीनों ही कंपनियां,निर्माण कार्य पूरा करने में विफल रही है। हाल ही में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण विभाग ने इस निविदा को निरस्त कर दिया है। माना जा रहा है कि विभाग नए बजट के साथ निविदा जारी करेगा। लेकिन,इस पूरी प्रक्रिया में अभी तीन माह का समय लग सकता है। इस बीच,बुरी तरह से खुदी हुई सड़क से हिचकोले खाते हुए,जिलेवासियों को काम चलाना होगा।

गायब होने लगा स्टेट हाइवे

राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्य शुरू होने पर जशपुर को रायपुर,बिलासपुर,अंबिकापुर से जोड़ने के लिए स्टेट हाईवे कारगर साबित हुए थे। बिलासपुर और रायपुर की ओर जाने के लिए वाहन चालक कुनकुरी से तपकरा,कोतबा स्टेट हाईवे और अंबिकापुर के लिए चराईडांड़ बतौली स्टेट हाईवे का प्रयोग करते थे। लेकिन इन दिनों,इन दोनों स्टेट हाईवे की स्थिति भी खराब है। लोक निर्माण विभाग के ईई सीएस कोमरे ने बताया कि कुुनकुरी तपकरा 29 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण जशपुर संभाग में 6 करोड़ 18 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है। लेकिन,निर्माण कंपनी बारबरीक प्रोजेक्ट लिमिटेड द्वारा निर्माण कार्य में की जा रही लेट लतीफी के कारण,इस निविदा को भी निरस्त कर दिया गया है। वहीं दूसरी ओर चराईडांड़ से बतौली स्टेट हाईवे की स्थिति भी इन दिनों चलने लायक नहीं रह गई है। सड़क में सरबकोम्बो के आसपास 1 किलोमीटर की दूरी तय करना लोहे की चना चबाने के समान हो गई है। बुरी तरह से खुदी हुई यह सड़क इन दिनों किचड़ से लथपथ हो गई है। विभाग ने इसमें गिट्टी डाल कर राहत देने की कोशिश की है। लेकिन,इसमें कामयाबी मिलती नहीं दिख रही है।

जान बचाने के लिए झारखंड और ओड़िसा दौड़ने की मजबूरी

जिले में सड़कों की जर्जर स्थिति से सबसे अधिक कठिनाई स्वास्थ्यगत समस्या से जुझ रहे मरीज और उनके स्वजनों को हो रही है। आपात स्थिति में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य संसाधन उनकी पहुंच से दूर साबित हो रहें हैं। नतीजा,लोग जान बचाने के लिए झारखंड और ओडिशा का सहारा ले रहें हैं।

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