जशपुरनगर:- इन दिनों पूरे प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर काफी गहमा गहमी का माहौल देखने को मिल रहा है।पक्ष विपक्ष दोनों धर्मांतरण मुद्दे को लेकर आमने सामने की जंग छेड़ दिए हैं।इसी बीच प्रदेश के घोर नक्सलवाद क्षेत्र बस्तर नारायपुर के ग्राम एडगा में बीते 1 जनवरी से आदिवासी समाज का दो पक्ष आमने सामने की लड़ाई में उतर गया है।जहां बताया जा रहा है कि पहले आदिवासी समाज के 10-12 लोगों के द्वारा धर्मांतरण मुद्दे पर बैठक की जा रही थी जहां कुछ विशेष समुदाय के लगभग 200 लोग के द्वारा जा कर धर्मांतरण के खिलाफ जूटे आदिवासी समाज के लोगों पर हमला कर दिया गया जिसके बाद आनन फानन में पुलिस को पहुंचना पड़ा परन्तु बीच बचाव करते पुलिस पर भी वहां मौजूद लोगों ने हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि जिससे वहां के स्थानीय थाना प्रभारी की पैर भी फैंकचर हो गयी तो धर्मांतरण के खिलाफ बैठे लोग भी घायल हो गये।जिसके बाद क्या था पूरे क्षेत्र के आदिवासी समाज हजारों की तादात में वहां दूसरे दिन जुटे और फिर पूरे क्षेत्र का माहौल बिगड़ गया।भीड़ में कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा पुलिस पर भी हमला कर दिया गया औऱ फिर पूरा क्षेत्र अशांत हो गया।इसी बीच प्रदेश के राजनीति भी एकबारगी गरमा गई और फिर विपक्ष भी इस मुद्दे पर हावी हो गया।इसी बीच अखिल भारतीय जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक और प्रदेश के कद्दावर आदिवासी नेता पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने भी अपनी बेबाकी बोल से सरकार को घेरते हुए अपना वीडियो जारी किया है।जिसमें उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस सरकार के द्वारा आदिवासी समाज के साथ अन्याय और अत्याचार किया जा रहा है।उन्होंने सरकार पर और भी कई गम्भीर आरोप लगाया है।वहीं उन्होंने अपने जारी वीडियो में कहा है कि इशाई मिशनरियों के द्वारा पूरे प्रदेश में धर्मांतरण का जाल फैलाया गया है और भोले भाले आदिवासी समाज का धर्मांतरण किया जा रहा है।अब आदिवासी समाज पर जान लेवा हमला भी किया जा रहा है।जिसका संरक्षण प्रदेश की कांग्रेस सरकार उन्हें दे रही है।सरकार धर्मांतरण रोकने में पूरी तरह फेल हो चुकी है।उन्होंने कहा कि प्रदेश में सीधे साधे सरल हिन्दू आदिवासी इस घटना में पूरे तरह से पिसा रहे हैं।उन्होंने कहा कि बस्तर से धर्मांतरण का मुद्दा कई वर्षों से उठ रहे हैं परन्तु सरकार की नाकामी के कारण ऐसी घटना घट रही है।आगे कहा कि बस्तर में आदिवासी समाज को थोड़ा धैर्य रखते हुए अपने अपने मांगो को रखना चाहिए लेकिन गलत को सहना भी नही है।नारायणपुर में हुए घटना पर घायल आदिवासी समाज के लोगों से मिलने मैं खुद वहां पहुंच रहा हूँ।अब हमारे हिन्दू आदिवासी समाज भी जाग चुका है धर्मांतरण का जवाब देने सब तैयार हैं इस घटना का भी जवाब लोकतांत्रिक तरह से कानून को बिना हाथ मे लिए दिया जायेगा।
बहरहाल प्रदेश के कद्दावर हिन्दूवादी आदिवासी नेता गणेश राम भगत के द्वारा दिए गये बयान इस परिस्थिति में काफी महत्वपुर्ण माना जा रहा है।