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*फिर शर्मसार हुआ जशपुर, शर्मनाक : “ये कैसा समाज कि ” 7 माह की गर्भवती नाबालिग को अपनाने से किया इनकार, जब आरोपी के परिजनों ने लगाई ” बोली” दिया पैसों का प्रलोभन तो पीड़ित नाबालिग के परिजन गर्भवती बच्ची को लेकर पंहुचे थाने, कहा साहब हमें पैसा नहीं न्याय दीजिए….पुलिस ने तत्काल पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं के तहत दर्ज किया मामला, आरोपी…!*

जशपुर,ग्राउंडजीरो न्यूज,03 अक्टूबर 2021। एक ऐसा समाज जहां आज भी सामाजिक विषमताओं के कारण मानवता शर्मसार होती नजर आ रही है।एक नाबालिग 7 माह की गर्भवती युवती अपने परिजनों के साथ ऐसे समाज के विरुद्ध खड़े होकर न्याय की आस में ठोकर खाने को मजबूर है।हद तब हो गई जब शारीरिक शोषण का शिकार हुई नाबालिग गर्भवती को पैसों का प्रलोभन देकर मामले में पर्दा डालकर इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास किया गया।

मामला है बगीचा थाना क्षेत्र का जहां एक नाबालिग युवती का पंडरापाठ मुड़ाकोना निवासी अजीत यादव (19) पिता गणेश यादव के साथ प्रेम संबंध स्थापित हो गया।दिसंबर 2020 में जान पहचान होने के बाद आरोपी युवक ने युवती के भोलेपन का फायदा उठाते हुए उसका शारीरिक शोषण किया।जिससे नाबालिग युवती 7 माह की गर्भवती हो गई।इस बीच आरोपी युवक बार बार युवती को विश्वास दिलाता रहा कि वह उससे शादी करेगा और अपने परिवार के साथ उसे समाज में अपनी पत्नी का स्थान देगा।

आरोपी के घरवालों ने किया अस्वीकार

मामले में जब बात आरोपी के परिजनों तक पंहुची तो उन्होंने जाति बंधनों का हवाला देते हुए युवती को अपनाने से इनकार कर दिया।पीड़ित नाबालिग के परिजन न्याय के लिए दर दर भटकते रहे।कहीं उनकी बोली लगाई गई तो कहीं मामले में समझौते के लिए पैसों का लालच दिया गया।किसी ने दोनों को एक करने का प्रयास नहीं किया।लड़की व लड़का दोनों साथ रहना चाह रहे थे।आरोपी के परिजनों का इतना दबाव था कि दोनों का मिलना असंभव हो गया वहीं लड़की नाबालिग थी।इस दौरान आरोपी के ओर से कुछ लोग पीड़ित नाबालिग के परिजनों से मिलकर मामले में समझौते का प्रयास कर रहे थे।जिसमें उन्हें सफलता नहीं मिली और मामला थाने तक पंहुच गया।

जिसके बाद पीड़ित नाबालिग के परिजनों ने मामले की शिकायत बगीचा थाना प्रभारी एसआर भगत से की।मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आरोपी युवक पर पॉक्सो एक्ट समेत अनाचार का मामला दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया है और अग्रिम कार्यवाही कर रही है।

अब भी सवाल वही है कि पीड़ित नाबालिग 7 माह की गर्भवती है।ऐसी परिस्थिति में क्या एक पीड़िता को उसके पति का नाम और गर्भ में पल रहे उसके बच्चे को पिता का नाम मिल पाएगा..? क्या समाज इतना निष्ठुर हो गया है कि ऐसे मामलों में वह अमानवीयता की हद को पार करते हुए कठोर बना रहता है।

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