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*यहाँ पुरातात्विक धरोहरों की कोई कद्र नहीं ,जिले में स्थापित पुरातत्व विभाग फाइलों में सिमट कर रह गया , उधर 85 वर्ष पुरानी धरोहर उचित देखरेख के आभाव में मिट्टी में मिल रही…….*

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जशपुरनगर। आज के समय में जब अपने इतिहास और पुरातात्विक धरोहरों की तलाश विश्व कर रहा है वहीं दूसरी तरफ जशपुर जिला मुख्यालय में स्थिति 85 वर्ष पुरानी बिल्डिंग उचित देखरेख के आभाव में मिट्टी में मिल रही हैं ,हम बात कर रहे हैं 1937 में निर्मित देवशरण चिकित्सालय के बिल्डिंग की जिसके शिलालेख में स्पस्ट लिखा है कि उक्त बिल्डिंग का अनावरण अंग्रेजी सरकार के पॉलिटिकल एजेंट ली पैट्रोल के द्वारा 1937 में की गई है। वैसे तो इस बिल्डिंग का आर्किट्रेक्चर देखने लायक है लेकिन उससे भी खास बात यह है कि अंग्रेज सरकार के द्वारा निर्मित इस बिल्डिंग का नामकरण स्थानीय राजा देवशरण सिंह के नाम से भी किया गया है सम्भवतः देश मे ऐसे विरले मामले होंगे जहां अंग्रेजों के द्वारा स्वयं किसी भारतीय व्यक्ति के नाम पर कोई संस्थान बनाया गया हो ,इसलिए भी यह धरोहर न केवल जशपुर के लिए बल्कि देश के लिए ऐतिहासिक है।वैसे तो जशपुर में कभी ऐसे सैकड़ो बिल्डिंगें अस्तित्व में थी किन्तु प्रशासनिक उपेक्षा के कारण अधिकांश बिल्डिंग ध्वस्त हो चुकी हैं यदि समय रहते इन धरोहरों को संरक्षित नहीं किया गया तो जशपुर के ये ऐतिहासिक प्रमाण भी नष्ट हो जाएंगे ।

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