जशपुरनगर। जी हां,आपने ठीक ही पढा है। तस्वीरों में दिखाई दे रहा खण्डर न तो सिंधु सभ्यता का ऐतेहासिक अवशेष है और ना ही हड़प्पा काल का भवन। खण्डर में तब्दील हुए इस भवन में शनिवार तक समाज मे शिक्षा की दीपक जला कर उजियारा फैलाने वाले शिक्षक बैठा करते थे। जरा कल्पना कीजिये,अगर आज रविवार का अवकाश नहीं होता तो यहां कितना भयावह दृश्य देखने को मिलता। जी हां,हम बात कर रहे है जिले के फरसा बहार ब्लाक के नागलोक तपकरा के हाई स्कूल भवन का। रविवार की सुबह लगभग 10 बजे एक तेज आवाज के साथ यह जर्जर स्कूल भवन धाराशायी हो गया। घटना उजागर होने के बाद लोगों के जुबान पर एक ही सवाल है,आखिर कहां जाता है खनिज न्यास निधि?मामला,जिले के फरसाबहार ब्लाक के तपकरा की है। इस क्षेत्र के डीडीसी विष्णु कुलदीप ने बताया कि रविवार की सुबह तपकरा हाई स्कूल के स्टाफ रूम की दीवार भराभरा कर गिर गई। दीवार गिरने की तेज आवाज से आसपास के रहवासियों का ध्यान इस ओर आकर्षित हुआ। उन्होनें बताया कि तपकरा का यह स्कूल सन 1962 से संचालित किया जा रहा है। भवन का निर्माण भी दशकों पहले कराया गया था। समय और मौसम की मार से यह सरकारी स्कूल भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। उन्होनें बताया कि भवन की स्थिति को लेकर उन्होनें और यहां के प्राचार्य ने भी कलेक्टर सहित शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करा चुके हैं। लेकिन अधिकारी हाथ में हाथ धर के बैठे हुए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए उन्होनें कहा कि अगर आज अवकाश का दिन नहीं होता तो यहां बडी घटना हो सकती थी। इसकी जिम्मेदारी कौन लेता? उन्होनें स्कूल के लिए तत्काल अतिरिक्त कक्ष निर्माण कराने की मांग की है।
दिग्गज राजनेताओ नेताओ के शिक्षा का गवाह है यह स्कूल
सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहा यह स्कूल जिले के दिग्गज राज नेता नन्द कुमार साय,सांसद श्रीमती गोमती साय,भरत साय के स्कूली शिक्षा का गवाह रहा है। डीडीसी विष्णु कुलदीप बताते है कि इस ऐतेहासिक स्कूल ने कई नेताओ और अफसर,देश और प्रदेश को दिया है। लेकिन दुर्भाग्य से अब यह स्वयं ही उपेक्षा का शिकार हो कर रह गया है।
‘ ब्लाक के जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया है। स्वीकृति मिलने में मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा।’
सीआर भगत,बीईओ,फरसाबहार।