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*अपमान का बदला लेने के लिए साले ने रची थी जीजा और उसकी मां की हत्या की साजिश,किराए के हत्यारों को दी थी 20 हजार की सुपारी,गायलूंगा गोलीकांड का पुलिस ने किया खुलासा,आरोपित साला सहित चार भाड़े के हत्यारे गिरफ्तार,लेकिन अभी पिक्चर बाकी है……पढ़िए जिले को हिला कर रख देने वाली घटना की असली कहानी,ग्राउंड जीरो ई न्यूज पर*

 

 

जशपुरनगर। जीजा द्वारा प्रेमजाल में फांस कर,पत्नी को भगा ले जाने और सामाजिक बैठक में लिए गए निर्णय को ना मानने से नाराज साले ने ही अपने जीजा और उसकी मां की हत्या की साजिश रचते हुए,26 हजार रूपए की सुपारी दी थी। बगीचा थाना क्षेत्र के ग्राम गायलूंगा में हुए सनसनीखेज गोलीकांड से पर्दा उठाते हुए,पुलिस ने यह दावा किया है। पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए कुनकुरी थाना में आयोजित पत्रकार वार्ता में एसडीओपी कुनकुरी मनीष कुंवर और बगीचा अब्दुल अलीम खान ने बताया कि 6 मई को गायलूंगा के आश्रित बस्ती लोटाडांड़ निवासी श्रीमती मोहनीबाई पति भूलन राम 60 वर्ष को बाइक में आए दो अज्ञात आरोपितों ने फायर कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। घायल वृद्वा को इलाज के लिए अंबिकापुर रेफर करने के बाद एसपी राजेश अग्रवाल के निर्देश पर अज्ञात आरोपितों के खिलाफ धारा 307,452,34 और 25,27 आम्र्स एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू की गई थी। एसपी ने अपराधियों को पकड़ने के लिए एएसपी श्रीमती प्रतिभा पांडे और एसडीओपी अलिम खान संदिग्धों से पूछताछ कर रहे थे। पूछताछ के दौरान संदेह के आधार पर पुलिस ने आहत मोहनी बाई के बेटे भागवत राम की पहली पत्नी प्रतिमा के भाई प्रदीप बरला को हिरासत में लिया। साक्ष्यों और जानकारी के आधार पर हुई पूछताछ में प्रदीप ने इस सनसनीखेज वारदात से पर्दा उठाते हुए बताया कि उसकी बहन प्रतिमा का विवाह भागवत राम से हुआ था। रिश्ता होने के बाद घर में आने जाने के दौरान भागवत राम का उसकी पत्नी सीतामुनि से नजदीकी बढ़ी। कुछ दिनों बाद भागवत राम,सीतामुनि को भगा कर,अपने घर में दूसरी पत्नी के तरह रख लिया। भागवत के इस कदम से आरोपित का घर और उसकी बहन का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ था। मामले को सुलझाने के लिए गांव में सामाजिक बैठक का आयोजन भी किया गया था। पुलिस के मुताबिक इस बैठक में प्रदीप बरला व उसके स्वजनों को प्रदीप की दूसरी शादी का पूरा खर्च उठाने का निर्णय पंचों ने सुनाया था। लेकिन समाज के इस निर्णय को भागवत और उसकी मां मोहनी मानने के लिए तैयार नहीं हुए। इससे भड़के दीपक ने बदला लेने के इरादे से भागवत और मोहनी की हत्या की साजिश रची थी। प्रेस कांफ्रेंस में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अपमान का बदला लेने के इरादे से आरोपी प्रदीप बरला ने गांव में राजमिस्त्री का काम करने वाले आरोपित अजय राम से संपर्क किया। 6 हजार रूपए अग्रिम लेकर अजय ने किराए का हत्यारों से मिलाने का वायदा किया। वादे के मुताबिक अजय ने दीपक को कांटाबेल निवासी सुखलाल प्रजापति से मिलवाया। बातचीत के बाद सुखलाल ने हत्या के लिए राजी होते हुए 20 हजार रूपए ले लिया। कुछ समय बाद भागवत राम और मोहनी बाई की हत्या के लिए अघनेश्वर उर्फ लेबाराम सहित एक अन्य आरोपित को भी शामिल किया गया। इन सभी लोगों ने साजिश रच कर,6 मई की सुबह मोहनी बाई और भागवत की हत्या के इरादे से हमला किया था। पुलिस ने इस साजिश में शामिल आरोपित प्रदीप बरला, अजय राम,सुखलाल प्रजापति,अघनेश्वर उर्फ लेबाराम को गिरफ्तार कर लिया है।
पिक्चर अभी बाकी है….
जिले को हिला कर रख देने वाले इस गोलीकांड से जशपुर पुलिस ने भले ही पर्दा उठा दिया है,लेकिन अभी पिक्चर बाकी है। दरअसल,इस मामले में एक आरोपी अभी फरार है। उसकी गिरफ्तारी के बाद इस मामले में नया मोड़ आने की संभावना जताई जा रही है। यह नया मोड़ क्या हो सकता है?यह अभी रहस्यों के पर्दे में दफन है।

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