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*मतांतरितों को आरक्षण की सूची से बाहर करने,शुक्रवार को शहर में जुटेगें हजारों आदिवासी,निकलेगी रैली और आम सभा उठेगी आवाज,जानिए,आदिवासी समाज के अब तक के सबसे बड़े आंदोलन से जुड़ी पूरी जानकारी,सिर्फ ग्राउंड जीरो ई न्यूज पर……*

जशपुरनगर। डीलिस्टिंग के समर्थन में कल शहर में विशाल रैली का आयोजन किया गया है। यह रैली शहर के बांकी टोली स्थित आम बगीचा से शुरू होगा। शहर की मुख्य मार्गों से गुजरने के बाद आम सभा का आयोजन किया गया है। हालांकि,इस रैली और आमसभा को लेकर समाचार लिखे जाने तक,प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है। बावजूद इसके,आयोजक रैली निकालने की तैयारी में जुटे हुए है। जिला पंचायत जशपुर की अध्यक्ष श्रीमती रायमुनि भगत ने बताया कि रैली दोपहर 12 बजे शहर के बांकी टोली स्थित कटहल बगीचा से रवाना होगी। भागलपुर चौक,रणजीता स्टेडियम,आंबेडकर चौक,बालाजी मंदिर,महाराजा चौक,बस स्टेण्ड होते हुए वापस कटहल बगीचा पहुंच कर आमसभा में तब्दील हो जाएगी। श्रीमती रायमुनि भगत ने बताया कि इस 1967—68 से उठ रहे इस डीलिस्टिंग की मांग को मूर्त रूप देने के लिए जिले भर से हजारों की संख्या में जनजातिय समाज के लोग जुटेगें। जनजातिय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने बताया कि दिवंगत कार्तिक उरांव के सपने को साकार करने के लिए जनजातिय सुरक्षा मंच प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन कर रही है। जब तक डिलिस्टिंग की मांग पूरी नहीं हो जाती,यह आंदोलन जारी रहेगा। इस बीच,इस रैली और आम सभा के आयोजन को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई हुई है। पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने बताया कि 1967—68 में दिवंगत कार्तिक उरांव ने मतांतरित लोगों द्वारा आरक्षण का दोहरा लाभ उठाएं जाने का मामला संसद में उठाया था। उन्होनें इस विषय पर संसद में नीजि विधेयक भी प्रस्तुत किया था। लेकिन,इस पर चर्चा नहीं हो सकी। इसके बाद यह विधेयक इतिहास के पन्ने में सिमट कर रह गया। डिलिस्टिंग की मांग को 2004 में उस वक्त बल मिला जब सुप्रिम कोर्ट ने केरल राज्य विरुद्ध चंद्रमोहनन के ऐतेहासिक मामले में इसके पक्ष में निर्णय सुनाया। 2007 में जनजातिय सुरक्षा मंच का गठन होने के बाद,जनजातिय समाज इसके लिए नए सिरे से लामबंद होने लगे। 2009—10 मंच ने 27 लाख लोगों के हस्ताक्षर युक्त पत्र तातकालिन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल को सौंप कर,डिलिस्टिंग का लागू करने की मांग रखी। गणेश राम भगत के मंच के संयोजक बनाएं जाने के बाद,यह बड़ा आंदोलन शुरू हुआ है।

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