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*ओबीसी व आर्थिक कमजोर वर्गों की ऑनलाइन जनगणना को लेकर 3 घण्टे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पंचायत सचिवों का ट्रेनिंग , सर्वर में रहेगा सुरक्षित डाटा …!*

सिंगीबहार/जशपुर (मुकेश नायक की ग्राउंड रिपोर्ट ):- जिले भर में 1 सितंबर से होने वाली अन्य पिछड़ा वर्ग व आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की गणना सर्वे को लेकर मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ट्रेनिंग दिया गया । साथ ही जिला प्रशासन द्वारा एक ग्राम पंचायत सचिव को जनगणना के लिए 2 ग्राम पंचायतों में ड्यूटी लगाई गई है । बताया जा रहा है कि गणना को लेकर उच्च अधिकारियों के उपस्थिति में 11 बजे से 1 बजे तक ट्रेनिंग दिया गया । साथ ही एक बार पहले जनगणना को लेकर 2020 में ट्रेनर द्वारा जिले भर के पंचायत सचिवों को ट्रेंड किया गया था । जनाकारी अनुसार दस सालों में एक बार होने वाली जनगणना में जातीय गणना के बारे में केंद्र सरकार ने भले ही अभी तक कोई फैंसला नही किया है,लेकिन छतीसगढ़ ने इन दिशा में कदम आगे बढ़ा दिया है । छत्तीसगढ में अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की गणना मोबाइल एप के माध्यम से की जा रही है सर्वेक्षण का कार्य छतीसगढ़ प्रदेश के सभी जिलों में होगा इसलिए चिप्स द्वारा ”सीजीक्युडीसी”(CGQDC) मोबाइल एप तैयार किया गया है। जिसे प्ले स्टोर से इंस्टाल किया जा सकता है इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग या ओबीसी और दलितों की भी एक स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी .साथ ही राज्य सरकार राज्य में ओबीसी का आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने का आदेश जारी किया था इस पर हाईकोर्ट ने यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि राज्य सरकार किस आधार पर आरक्षण का प्रतिशत बढ़ा रही है.इसी के बाद राज्य सरकार ने गणना करने का निर्णय लिया है ।
फिलहाल जिले भर में नेटवर्किंग कंपनी के डाटा स्पीड सिस्टम ठप होने पर परेशानी बढ़ने की संभावना है किसी भी कम्पनी के डेटा का स्पीड सही नही होने कारण जनगणना के कार्यों में गति धीमी हो सकती है ,जो कि चिंता का विषय है ।

● ये जानकारी करना होगा अपलोड

लॉगिन के बाद एप में एक प्रपत्र में आवेदक से सम्बंधित जनाकारी जिनमे नाम,पिता अथवा पति का नाम, वार्षिक आय,परिवार के सदस्यों की संख्या ,वार्ड अथवा ग्राम पंचायत,जनपद ,जिला आदि की जानकारी भरकर अपलोड करना होगा ,आवेदक द्वारा अपलोड की गई जानकारी सम्बंधित ग्राम पंचायत अथवा नगरीय निकाय के वार्ड के लिए नियुक्त किये गए सुपरवाइजर के पास स्वत: फारवर्ड हो जाएगी ।

● सर्वर में रहेगा सुरक्षित डाटा

आवेदक के क्षेत्र में अधिकृत सुपरवाइजर के पास जैसे ही आवेदक की जानकारी प्राप्त होगी वह उसका सत्यापन कररेगा और डाटा सर्वर में सुरक्षित रहेगा । यह डाटा राज्य के अन्य एवं पिछड़ा वर्ग व आर्थिक रुप से कमजोर वर्गों की गणना में सहायक होगा ।

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