जशपुरनगर। हमारा किसी धर्म से कोई बैर नहीं। आप जिस धर्म में हैं उसका पालन करते रहें और हमें अपने धर्म और रीतियों का पालन करने दें। जनजातिय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत ने उक्त बातें कही। वे रविवार को वनवासी कल्याण आश्रम के अंर्तराष्ट्रीय मुख्यालय के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होनें धर्मातंरित हो चुके आदिवासियों को आरक्षण की सूची से बाहर करने के लिए देश व्यापी आंदोलन को तेज करने की घोषणा करते हुए कहा जनजातिय सुरक्षा मंच,इस विषय को लेकर छत्तीसगढ़ के साथ झारखंड,उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड में आंदोलन चला रही है। अब इसे और अधिक आक्रामक करते हुए,कानून में संशोधन करने की मांग को लेकर सड़क से लेकर संसद तक की लड़ाई की जाएगी। उन्होने कहा कि मतांतरितों को अल्पसंख्यक के रूप में आरक्षण का लाभ प्राप्त करने का अधिकार नहीं है। उन्होनें अंबिकापुर के पूर्व महापौर प्रबोध मिंज का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रबोध मिंज,आदिवासी के रूप में महापौर बने और बाद में अल्पसंख्यक के रूप में अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य बन गए। राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत ने कहा कि ईसाई धर्म में आदिवासी रूढ़ियों का पालन करने का कोई प्रविधान नहीं है। सिर्फ आरक्षण प्राप्त करने के लिए,इसका पालन करने का दिखावा किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र मरावी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा मंच की मांग है कि संविधान के अनुच्छेद 342 में संशोधन कर,इसे अनुच्छेद 341 की तरह प्रविधान किया जाए। उन्होनें कहा कि अनुच्छेद 341 में मतांतरण करने पर अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता,यही प्रविधान अनुच्छेद 342 में किया जाए। पत्रकार वार्ता में जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत,राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य नरेन्द्र मरावी,प्रांतिय संयोजक रोशन प्रताप साय,जिला संयोजक नयुराम भगत,प्रांतिय सह सयोजक इंदर भगत,लालदेव भगत,प्रांतिय सह संयोजक बंसीधर उरांव,डाक्टर आजाद भगत,जिला पंचायत जशपुर की अध्यक्ष श्रीमती रायमुनि भगत भी शामिल थी। बीते माह नवंबर में जिले के कुनकुरी में एक नीजि शैक्षणिक संस्था के मैदान में हुए ईसाई महासभा के नृत्य अभ्यास पर गणेश राम भगत ने जमकर नाराजगी जताई है। उन्होनें कुनकुरी के इस आयोजन में कुनकुरी के मांदर लेेकर नाचने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए बताया कि इस मामले की शिकायत प्रदेश सरकार से करते हुए,उक्त अधिकारी के खिलाफ सिविल सेवा आचरण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की मांग भी उन्होनें किया है।