जशपुरनगर। डिलिस्टिंग की मांग को लेकर शुक्रवार को शहर में हजारों की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग सड़क में उतर आएं। अपनी मांग के समर्थन में आदिवासियों ने जमकर नारेबाजी की। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दोपहर लगभग 1 बजे कटहल बगीचा से रैली रवाना हुई। रैली,यहां से भागलपुर चौक हो कर,रणजीता स्टेडियम चौक,आंबेडकर चौक,जिला चिकित्सालय,महाराजा चौक,बस स्टेण्ड से पुरानी टोली होते हुए वापस कटहल बगीचा में वापस आ कर आम सभा में तब्दील हो गई। आमसभा का शुभारंभ अतिथियों ने भारत माता,बाबा कर्तिक उरांव के तैल्य चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित कर किया। सभा को संबोधित करते हुए जिला पंचायत जशपुर की अध्यक्ष श्रीमती रायमुनि भगत ने कहा कि आदिवासियों की परम्परा और रीतियों को त्याग चुके लोगों को आरक्षण की सुविधा से बाहर करने का जो बीड़ा कार्तिक उरांव ने उठाया था,उसे पूरा करने के लिए आदिवासी समाज कृत संकल्पित है। उन्होनें कहा कि आज जशपुर की सड़कों पर जो जनजातिय समाज को जनसैलाब उमड़ा है,वह धनबल से जुटाया हुआ नहीं है। लोग स्वच्छता से अपने साधन से चल कर,अपने और आने वाली पीढ़ियों के अधिकार की मांग को लेकर आएं है। नीतिनियमकों को जनभावना को समझना होगा। पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने कहा कि मतांतरण कर चुके आदिवासियों को आरक्षण की सूची से बाहर निकालने की मांग सबसे पहले जनजातिय समाज के सबसे बड़े जननायक कार्तिक उरांव ने उठाई थी। उन्होनें इसके लिए 1967—68 में लोकसभा के पटल पर नीजि विधेयक भी प्रस्तुत किया था। लेकिन,इस पर चर्चा नहीं हो सकी। इसके बाद अल्पायु में निधन हो जाने के कारण कार्तिक उरांव जी का सपना पूरा नहीं हो पाया। लेकिन अब जनजातिय समाज ने अपने इस जननायक के अधूरे काम को पूरा करने का निश्चिय किया है। उन्होनें कहा कि बस्तर से लेकर जशपुर तक,डिलिस्टिंग की मांग को लेकर जो आवाज उठ रही है,उसे ना तो दबाया जा सकता है और न ही इसकी उपेक्षा की जा सकती है। डिलिस्टिंग को लागू करने का समय आ गया है। जनजातीय समाज में अपने अधिकारों को लेकर आ रही जागरूकता से बाबा कार्तिक उरांव का सपना जल्द ही साकार होगा। आम सभा को जनजातिय समाज के अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया।