जशपुरनगर:-विश्वरंग के अंतर्गत साहित्य ,कला, संस्कृति एवं सृजन के लिए समर्पित वनमाली सृजन पीठ की बिलासपुर शाखा से संबंधित वनमाली सृजन केंद्र जशपुर में जशपुर में सांस्कृतिक काव्य-संध्या का आयोजन किया गया है। यह आयोजन आज 30 जून को शासकीय राम भजन राय एन ई एस महाविद्यालय के सेमिनार हॉल में शाम 3 बजे से आयोजित किया जा रहा है।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भूतपूर्व प्राचार्य डाइट एवम अंचल के वरिष्ठ शिक्षाविद विजय शंकर ओझा जी की उपस्थिति में होगा। जिसमें प्रख्यात साहित्यकार जगन्नाथ प्रसाद चौबे ”वनमाली”जी के जीवन दर्शन पर आधारित रचनाओं पर विमर्श के साथ ही जशपुर के जशपुर के काव्यकारों द्वारा स्वरचित प्रस्तुति होगी जशपुर के
शहर के कला पक्ष से जुड़े कलाकारों का संस्कृतिक पक्षों की भी प्रस्तुति की जाएगीl सृजन केंद्र के सरंक्षक डॉ विजय रक्षित ने बतलाया कि लोकतांत्रिक मूल्यों के समावेशी पत्रिका वनमाली के भाग 1 और 2 पर चर्चा के साथ ही हिंदी से जुड़े शहर के कथाकार एवं काव्य कारों की प्रस्तुति इस कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण होगा। कार्यक्रम में शहर के साहित्य विधा से जुड़े साहित्य एवं सांस्कृतिक विधा से जुड़े नागरिकों को भी आमंत्रित किया गया है ,एकीकृत मध्य प्रदेश के मूर्धन्य कथाकारों में श्री वनमाली जी का अमूल्य योगदान रहा है ।मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों एवम विद्यालयों में उनकी लिखी कहानी एवम अन्य संग्रह पढ़ाये जाते रहे हैं। संपूर्ण भारत में वनमाली सृजन पीठ एवं वनमाली सृजन केंद्रों की स्थापना–भोपाल, बिलासपुर,खंडवा, दिल्ली, वैशाली, हजारीबाग, लखनऊ में वनमाली सृजन पीठ की स्थापना की गई है। मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़,बिहार, झारखंड, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश में 152 वनमाली सृजन केंद्रों की स्थापना की गई है। इस सृजन पीठ का मुख्य उद्देश्य . युवा रचनाकारों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान करना।
. वनमाली राष्ट्रीय कथा सम्मान, युवा कथा सम्मान, युवा कथा आलोचना सम्मान, साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान।. पुस्तक यात्राओं का आयोजन।. लेखक से मिलिए, पुस्तक से मिलिए के अंतर्गत लेखकों एवं पुस्तकों पर केंद्रित बातचीत।
. ‘कविता देश’ ऑनलाइन कार्यक्रमों का आयोजन।
‘कथा यात्रा’ की 20 श्रृंखला का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आयोजन ।
दस कहानियां–वनमाली राष्ट्रीय कथा सम्मान से सम्मानित कहानीकारों की पुस्तकों की श्रृंखला का प्रकाशन।
कथा मध्यप्रदेश का प्रकाशन (छह खंडों में)।
‘कथादेश’ का प्रकाशन (18 खंडों में) इन सभी प्रकाशनों का साहित्यमर्मज्ञ आज के कार्यक्रमो में पठन हेतु प्रदान किया जाएगा।साथ ही समाजसेवी संगठन संवेदना के साथ ही विमल देवी फाउंडेशन तेजस्विनी फाउंडेशन ,समाजसेवी रामप्रकाश पांडेय,समाजसेवी पर्यावरणविद शिवानन्द मिश्र जी को समाजसेवा के क्षेत्र एवम सम्बन्धित योगदान के लिए वनमाली सृजन केंद्र जशपुर द्वारा सम्मानित किया जाएगा।मध्यभारत के कवि ,साहित्यकार,संस्कृतिकर्मी, कला समीक्षक एवम शिक्षविद डॉ सतीश देशपांडे की प्रेरणा एवम मार्गदर्शन इस कार्यक्रम को लगातार प्राप्त हो रहा है।साहित्यकार वनमाली सृजन केंद्र जशपुर के सृजन पीठ की आगामी योजनाओं में वनमाली सृजन पीठ के केंद्रीय जानकारी के अनुसार कथा विश्व’ का प्रकाशन करने के साथ ही प्रवासी भारतीय साहित्यकारों की पुस्तकों का प्रकाशन एवम . ‘कविता देश’ का प्रकाशन। सृजन केंद्र जशपुर के संयोजक एम जेड यू सिद्दीकी ने कहा कि जशपुर केंद्र लगातार इस तरह के आयोजन साहित्य ,संस्कृति एवम रचनात्मक क्षेत्रों से जुड़े आयोजन करता रहेगा।उन्होंने कहा कि 1993 में स्थापित सृजन पीठ के 30 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं इस अवसर पर वनमाली सृजन केंद्र जशपुर द्वारा कार्यक्रमो का आयोजन किया जाएगा।वनमाली सृजन पीठ के भोपाल से श्री संजय सिंह जी ने जानकारी दी कि वर्तमान में सृजन पीठ का अनुबंध मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति हिंदी भवन के साथ है,जिसके तहत नए रचनाकारों की चुनिंदा रचनाओं को प्रकाशन का अवसर प्रदान होता रहेगा,वनमाली सृजन केंद्र जशपुर के संचालन की संयुक्त जिम्मेदारी डॉ मिथलेश कुमार पाठक,एम.जेड. यू.सिद्दीकी,एवम डॉ विजय रक्षित को दिया गया है। इस कार्यक्रम के संचालन में सुप्रसिद्ध कवि,कहानीकार,कला समीक्षक,हिंदी के समालोचक,गम्भीर चिंतक,एवम शिक्षा शास्त्री आदरणीय डॉ. सन्तोष चौबे का अमूल्य मार्गदर्शन में सम्भव हो रहा है।