जशपुरनगर।जशपुरनगर। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की भर्ती में इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़े जाने की अनिवार्यता को लेकर भारतीय जनता युवा मोर्चा ने सवाल खड़े किए हैं। युवा मोर्चा ने कहा कि यहां अंग्रेजी में योग्यता को ना देख कर अभ्यर्थियों की हैसियत देखी गई। मोर्चा ने कहा कि सभी स्कूलों में अंग्रेजी का एक विषय अनिवार्य होता है वहीं कई अभ्यर्थी हैं जो इस हायर सेकेंडरी से लेकर स्नातक व मास्टर डिग्री में भी अंग्रेजी में विशेष योग्यता हासिल कर चुके हैं लेकिन उन्हें अपात्र घोषित कर दिया गया। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने ही युवाओं ने फेसबुक लाइव कर अपनी बात रखी। युवाओं ने कहा कि विश्व की बड़ी वैज्ञानिक संस्था नासा और इसरो में भी ऐसे फरमान जारी नहीं किए जाते हैं जो जसपुर जिले में शिक्षा विभाग के द्वारा जारी किया गया। यह न सिर्फ हिंदी का अपमान है बल्कि हिंदी मीडियम में पढ़ने वाले गरीब बच्चों की गरीबी का मजाक शासन प्रशासन के द्वारा उठाया गया है। युवाओं ने यहां के महाराजा चौक में पोस्टर लगाकर विरोध प्रदर्शन भी किया।
इस प्रदर्शन में जिले के महामंत्री दीपक गुप्ता एवं जशपुर के मंत्री नमित कुमार सिंह, प्रचार प्रसार प्रमुख विकास सोनी, कृष्णा गुप्ता, अभ्युदय मिश्रा, राजा गुप्ता सहित अन्य लोग शामिल रहे।
युवाओं ने कहा कि इस मामले से सहज ही समझा जा सकता है कि
किस प्रकार छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल ने हिंदी माध्यम के छात्रों का मजाक बनाया है एवं उनके द्वारा नाना प्रकार के झूठे वादे किये जा रहे हैं। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल मैं सिर्फ इंग्लिश मीडियम के अभ्यर्थियों को मान्यता दिया जा रहा है यह कहकर की सिर्फ वही योग्य हैं। इस स्कूल में पढ़ाने हेतु हिंदी मीडियम के अभ्यार्थी पढ़ाने की योग्य नहीं इसलिए उनका स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में चयन नहीं किया जा सकता। इसके खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से जसपुर महाराज चौक में जसपुर युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदर्शन किया गया।