जशपुरनगर(राकेश गुप्ता):- खबर जशपुर जिले से है जहां जिले भर से सीआरपीएफ कैम्प हटाये जाने की सुगबुगाहट को लेकर अब जिले के दिग्गज भी सामने आने लगे हैं।वहीं जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले कुछ दिन पूर्व मनोरा में हुये एक सभा मे प्रदेश के कद्दावर आदिवासी नेता गणेश राम भगत ने जशपुर जिले से सीआरपीएफ हटाये जाने की सूचना पर काफी बिफरे हुए दिखे और इसका पूरा ठीकरा छत्तीसगढ़ प्रदेश की कांग्रेस सरकार और जिले के तीनों विधायकों पर फोड़ दिया।उन्होंने कहा कि जो सीआरपीएफ जशपुर से हटाई जा रही है उसके पीछे मेरा आरोप है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश की कांग्रेस सरकार और जशपुर के विधायकों के द्वारा जिले से सीआरपीएफ हटवाई जा रही है।उन्होंने आगे कहा कि मैं दावे के साथ कहता हूं कि जशपुर जिले से नक्सवाद को खत्म करने के लिए मैं जब MLA था तब सीआरपीएफ कैम्प को बहुत संघर्ष करके जशपुर लाया।दिल्ली की सरकार से काफी मशक्कत झगड़े करने के बाद इन्हें जशपुर लाया गया था।क्योंकि उस वक्त मैं विधायक था मुझे आपकी सुरक्षा की चिंता थी जशपुर में नक्सवाद बढ़ गया था।सीआरपीएफ की रहने की व्यवस्था मैंने खुद किया था अगर सरकार का एक रुपये का भी ईटा उनके रहने की व्यवस्था में खर्च हुआ है अगर कोई कह देता है तो मैं सार्वजनिक जीवन से त्याग पत्र दे दूंगा,मैं घर बैठ जाऊंगा ।श्री भगत ने कहा कि आज जशपुर में हम अगर सुरक्षित हैं तो सिर्फ और सिर्फ सीआरपीएफ के कारण और अब खबर यह है कि सीआरपीएफ वालों को जशपुर से हटाया जा रहा है।उनका समान पैक हो रहा है।वहीं उन्होंने विधायक जशपुर पर तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली में पढ़ा हुआ कहने से बस जशपुर के लोग सुरक्षित नही रह सकते हैं।जशपुर की जनता का जान माल की रक्षा करना विधायकों का काम है।वहीं उन्होंने आगे बोलते हुये कहा कि भपेश बघेल जी आप प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं हमें बोलने का अधिकार है।उन्होंने आगे मुख्यमंत्री पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि जशपुर को नक्सवाद से जलाने के लिए सीआरपीएफ को हटा रहे हैं यह मेरे जिंदा रहते कभी नही होने दूंगा की जशपुर बस्तर की तरह जलें।
आपको बता दें कि जशपुर जिले से सीआरपीएफ कैम्प को हटाये जाने की सुगबुगाहट इन दिनों तेज हो गयी है।कुछ जगहों में देखने को मिल रहा है कि सीआरपीएफ के जवान अपना समान पैक भी कर रहे हैं।जिसमें सन्ना,आस्ता, आरा, जशपुर, जैसे जगह भी शामिल हैं।वहीं यह भी कहना अनुचित नही होगा कि जशपुर में जब तक सीआरपीएफ है तभी तक हम चैन की नींद सो रहे हैं और अमल चैन की जीवन जी पा रहे हैं जशपुर जिले से सीआरपीएफ कैम्प हटना मतलब जनता के लिए बड़ी मुशीबत खड़ा होने के समान दिखता है।