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*Watch video:- भरी बरसात में अधिवक्ता सड़क पर, सन्ना तहसील के अधिवक्ता अब सड़क किनारे बैठ कार्य करने को हुए मजबूर, तहसीलदार पर अधिवक्ताओं ने पूर्व में भी लगाया था कई गम्भीर आरोप, क्यों सड़क पर न्याय व्यवस्था के महत्वपूर्ण अंग, जरा देखिये जशपुर विधान सभा में अधिवक्ताओं की स्थिति……।*

सड़क पर अधिवक्ता.....
जशपुर,सन्ना:- जशपुर के द्वार में भले ही मुस्कुराइए आप जशपुर में हैं लिखा हो, लेकिन जशपुर विधानसभा में प्रवेश करते ही आपको मुस्कुराने के लायक कुछ भी नजर नहीं आएगा। ताजा मामला बगीचा विकासखंड के नवीन तहसील सन्ना से सामने आया है जहां के अधिवक्ताओं की मुस्कुराहट गायब हो गई है। भरी बरसात में जशपुर जिले के नवीन तहसील सन्ना में अधिवक्ताओं को सड़क किनारे बैठ कर कार्य करते हुए देखा जा रहा है। वहीं जब हमने इस मामले में अधिवक्ताओं से चर्चा किया तो उन्होंने साफ साफ शब्दों में कहा कि तहसीलदार मैडम के सन्ना आने के बाद से हमें तहसील ऑफिस के अंदर बैठने की अनुमति नही है। वहीं अधिवक्ताओं ने बताया कि हमारे बैठने के लिए ग्राम पंचायत का एक जर्जर भवन को दिया गया है। जिसमें नीचे से छत भी बीच बीच मे गिरता रहता है। जिस भवन से पानी टपकता रहता है।जिसमें बड़ी दुर्घटना घटने का डर सताता रहता है।जिस वजह से हम दी गयी भवन में नही बैठते हैं और सड़क किनारे ही टेबल कुर्सी लगा कर कार्य कर रहे हैं। आपको यह बता दें कि सन्ना तहसील बनने के बाद से अब तक तहसील की भवन की स्वीकृति नही हुई है ना ही भवन का कार्य शुरू हुआ है।जिस वजह से तहसील के कार्य भी पुराने भवन में चल रहा है। वहीं अधिवक्ता पहले तहसील के अंदर ही बैठ कर कार्य करते थे।परन्तु कुछ समय पहले अधिवक्ता संघ ने तहसीलदार रौशनी तिर्की के व्यवहार के कारण तहसील कार्यालय का बहिस्कार कर दिया था।अधिवक्ता संघ ने तहसीलदार मैडम के कार्य से नाराज हो कर निंदा प्रस्ताव कर सन्ना तहसील से हटाने की मांग कर दी थी।हालांकि बताया जा रहा है कि अधिवक्ता संघ और तहसीलदार के बीच मध्यस्ता करा के मामले को बीच मे ही दबा दिया गया। कारण जो भी हो परन्तु देखा यह ही जा रहा है कि इन सभी विवादों के बाद से अधिवक्ताओं को तहसील के अंदर बैठने से मनाही हो गया और सभी अधिवक्ता सड़क किनारे बैठ कर कार्य करते देखे जा रहे हैं।
अब बड़ी बात यह आती है कि इतने बड़े बड़े मामले की शिकायत होने के बावजूद आखिर मामला बीच में ही क्यों अटक जाता है?

उल्लेखनीय है कि जशपुर जिले में इन दिनों कई अधिकारीयों पर अनेक गम्भीर आरोप लगाये जा रहे हैं।कभी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का घोटाला तो कभी अधिवक्ताओं द्वारा तहसीलदार पर गम्भीर आरोप लगाना।और इतने बड़े बड़े मामले का जिले में जांच के नाम पर कुछ नहीं होना। कहीं ना कहीं यह पूरे जिले की गरिमा और सम्मान पर ग्रहण नजर आ रहा है।खैर इन आरोपों की सच्चाई जो भी हो पर इन दिनों जनचर्चा इन्ही विषयों को लेकर बना हुआ है।ठीक इन्ही मामलों से जुड़ा हुआ अधिवक्ताओं के विवाद का मामला सामने आ गया है।

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