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*देखिये वीडियो:-सरकारें बदल गयी लेकिन नही बदली यहां की तस्वीर, जशपुर-सरगुजा मुख्य सड़क के बॉर्डर एरिया की दुर्दशा का रोना आखिर कब तक रोयेगा क्षेत्र..?रोता बिलखता इस क्षेत्र को हर चुनाव में नेताओं का मिलता है आश्वाशन… किसानों के मेहनत का लाखों रुपये हो जाता है बर्बाद,तो सड़क में ही हो जाती है डिलीवरी, ऐसे ही कई बड़े दुर्घटनाएं भी घट चुकी है…क्षेत्र की जनता नेताओं से लगा बैठते हैं उम्मीदें,आखिर कब मिलेगी इस बड़े परेशानी से मुक्ति….देखिये ग्राउंड जीरो ई न्यूज पर राकेश गुप्ता की विशेष रिपोर्ट…।*

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सरकारें बदल गयी लेकिन नही बदली यहां की तस्वीर,आखिर कब मिलेगी इस बड़े परेशानी से मुक्ति,

जशपुर/सन्ना:-आज हम आपको वह दिखाने जा रहे हैं जो ना तो क्षेत्र के नेताओं से छिपा है और ना ही यहां बड़े बड़े अधिकारियों से,फिर भी क्षेत्र की जनता परेशान है।हम बात कर रहे हैं जशपुर-सरगुजा मुख्य मार्ग के बॉर्डर की जो कि सन्ना,चम्पा होते हुये अम्बिकापुर जाती है।सन्ना से लेकर चम्पा तक के कन्हर नदी के पुल तक जशपुर जिले का क्षेत्र पड़ता है जहां की सड़क अच्छी है। वहीं कन्हर नदी के पार करने के बाद बॉडर पर करीब आधा से एक किलोमीटर ब्लारी नदी के पुल तक सड़क की दुर्दशा ऐसी है कि सड़क चलने लायक भी नही है।फिर भी क्षेत्र का मुख्य सड़क होने के कारण लोगो की मजबूरी है इसी सड़क पर चलने की।इस बीच के सड़क में पहले भी कई बड़े दुर्घटनाएं घट चुकी है।क्षेत्र के मिर्च टमाटर के हजारों किसानों के फसल का आयात-निर्यात भी इसी सड़क से होती है और सड़क में कई बार फसल से भरी गाड़ी के फसने से किसानों का लाखों रुपये बर्बाद हो जाता है।कुछ जानकारों की माने तो इस सड़क के खराब होने के कारण सड़क में ही कई बार गर्भवती महिलाओं का डिलीवरी तक हो जाता है।यह सड़क जशपुर, सोनक्यारी,सन्ना,चम्पा के लोगो का अम्बिकापुर जाने का मुख्य सड़क है।उसके बावजूद आजादी के 75 साल बाद भी यह सड़क अपनी बदहाली का रोना रो रहा है।

आपको बता दें की इस सड़क को बनवाने की मांग दशकों से क्षेत्रवासी करते आ रहे हैं।जिसकी मांग पिछले भाजपा सरकार के नेताओं से भी कई बार किया गया था परन्तु भाजपा इस कार्य को करने में असफल रही जिसके बाद ग्रामीणों ने 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को सरकार से बाहर का रास्ता दिखा दिया और बड़ी उम्मीद के साथ कांग्रेस पार्टी की दूसरी सरकार क्षेत्रवासियों ने चुना जिसके बाद कांग्रेस के नेताओं ने इस सड़क को बनवाने का वादा भी क्षेत्रवासियों से किया था। परन्तु आज सरकार की चार साल बीतने को है और यह सरकार भी अब तक इस बॉडर की सड़क को बनवाने में असफल साबित हुई है।अब इस सड़क की परेशानी को देखने के बाद ग्रामीणों ने भी वर्तमान सरकार के खिलाफ अपनी मांग मनवाने आंदोलन तक का मन बना लिया है।बहरहाल अब देखना यह होगा कि जनता के बढ़ते आक्रोश के बीच सरकार और नेता, जनता को मनाने में किस प्रकार सफल या विफल होते हैं।

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