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*देखिये वीडियो:-दो समाज के बीच एक आरोपी को लेकर कैसे छिड़ा जंग,लाठी डण्डों से लैस हो कर…आदिवासी एकता परिषद के कार्यक्रम से बढ़ा साम्प्रदायिक हिंसा…हिन्दू धर्म के देवी देवताओं के अलावा ब्राह्मण समाज, संघ प्रमुख मोहन भागवत, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जैसे व्यक्तित्व को गाली देने वाला जशपुर से फरार आरोपी के कार्यक्रम को लेकर शुरू हुआ था विवाद….कार्यक्रम में किसका था संरक्षण..? आखिर क्यों नही हुई गिरफ्तारी…?कौन दे रहा सह…?ग्राउंड जीरो न्यूज में पढिये पूरी खबर*

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जशपुर के बाद सरगुजा में गेडाम के कार्यक्रम से बिगड़ा सौहाद्र,लाठी डण्डे से लैस दो समाज आपस मे भिड़े...

जशपुरनगर/सीतापुर:- जशपुर का फरार आरोपी प्रेमकुमार गेडाम के नेतृत्व में एक बार फिर से विवादित कार्यक्रम बिना अनुमति के ही प्रदेश के सीतापुर में बकायदा पम्पलेट पोस्टर छपवा कर 12 नवम्बर को कि जा रही थी।जिसके बाद सीतापुर में एकाएक साम्प्रदायिक सौहाद्र बिगड़ गया।कार्यक्रम में सैकड़ों हिन्दू संगठन के लोग पहुंच गये और कार्यक्रम का विरोध करते हुए जशपुर का फरार आरोपी की गिरफ्तारी की मांग करने लगे।जिसे दोनों पक्ष के लोग आमने-सामने भीड़ गये और लाठी डण्डा लेकर खड़े हो गये।वहीं इस बीच वहां मौजूद सीतापुर जिले के प्रशासनिक अमला ने दोनों पक्ष को समझाइस दिया और बिना अनुमति के चल रहे एकता परिषद के कार्यक्रम को बंद कराया।

आपको बता दें कि बीते कुछ महीने पहले जशपुरनगर के बीच स्थित कम्युनिटी हॉल में राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के द्वारा कार्यक्रम की गई थी जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रेम कुमार गेडाम को बुलाया गया था जिसने देश के महान हस्तियों को गाली देने के अलावा हिन्दू धर्म के देवी देवताओं और ब्राह्मण समाज पर कई तरह की भद्दी टिप्पणियां भी किया था।प्रेम कुमार गेडाम ने देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को भ्रष्टाचारी बता दिया था तो हिन्दू धर्म के सबसे बड़े संगठन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बारे में भी अनर्गल टिपणियां खुले मंच से किया था।जहां हिन्दू धर्म के देवी देवताओं पर आरोपी के द्वारा टिपणियां किया जा रहा था तो वहीं जशपुर जिले के बहुत से प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी उसके बातों का समर्थन करते हुए ठहाके लगा रहे थे।जिसके वीडियो पिछले डमी खूब वायरल हुआ था।जिसके बाद जिले के हिन्दू संगठन के अलावा भाजपा ने सड़क में उतर कर प्रेम कुमार गेडाम के विरोध में एफआईआर दर्ज कराया था वहीं हिन्दू संगठन के लोगों ने पुतला दहन करके उसकी गिरफ्तारी की मांग की थी परन्तु आरोपी की गिरफ्तारी आज पर्यंत तक नही हुआ है।

पुनः जशपुर छोड़ सीतापुर पहुंचा यह आरोपी खुले आम ब्राह्मणों के विषय मे अनर्गल शब्द लिखा हुआ पम्पलेट पोस्टर छपवा कर अपने कार्यक्रम का प्रचार करते हुए कार्यक्रम करने आ गया।जिसके बाद सीतापुर क्षेत्र के हिन्दू संगठन के लोगों ने इस कार्यक्रम का जोरदार विरोध किया जिसके बाद उनका कार्यक्रम को बंद करना पड़ा।

प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के गृह विधानसभा क्षेत्र सीतापुर में देश के महान हस्तियों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, स्वतंत्रता सेनानियों और हिंदुओं के देवी देवताओं को गाली देने वाला आदमी कार्यक्रम करने की हिम्मत कैसे किया और इतना विवाद के बाद भी उस आरोपी की गिरफ्तारी नही हुई जो काफी चिंतनीय विषय है।जबकि इस कार्यक्रम से पूरे क्षेत्र का माहौल बिगड़ चुका था और साम्प्रदायिक सौहाद्र भी बिगड़ गयी थी।हालांकि इस मामले में वहां मौजूद हिन्दू संगठन के लोगो की माने तो उस आरोपी को वहां से भगाने में वहां मौजूद लोकल प्रशासन का बड़ा हाथ देखा जा गया है।

*बहरहाल इस पूरे घटना के बाद सीतापुर एसडीएम रवि राही ने बताया कि आदिवासी एकता परिषद के द्वारा बिना अनुमति की कार्यक्रम किया जा रहा था।जिसमें दो पक्षों का विवाद था,जहां दूसरे पक्ष के विरोध करने के बाद कार्यक्रम को बंद करा दिया गया।*

http://*देखिये कैसे जशपुर की शांत फ़िज़ा में ज़हर घोलने की हुई कोशिश…. आदिवासियों में फूट डालने की नापाक हरकत को अंजाम दिया आदिवासी एकता परिषद ने…. हिन्दू धर्म के देवी देवताओं पर भद्दी टिप्पणी के अलावा ब्राह्मण समुदाय को गधा तो गांधीजी एवं नेहरू जी को बताया भ्रष्टाचारी… मोहन भागवत,सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति की कोई औकात नही जैसे वाक्यों का किया प्रयोग….और मंच पर ठहाके लगाते रहे जशपुर के यह अधिकारी,क्या मंचासीन करते हैं इन बयानों का समर्थन…?जशपुर के इतिहास में आज तक ऐसा जहरीला भाषण ना किसी ने दिया होगा और ना किसी ने सुना होगा,जिले के सैकड़ों कर्मचारी अधिकारीयों ने इस कार्यक्रम में किया है शिरकत…सोसल मीडिया में हो रहा वीडियो वायरल,ग्राउंड जीरो न्यूज में पढ़े पूरी खबर* https://groundzeroenews.co.in/see-how-the-attempt-was-made-to-poison-the-quiet-food-of-jashpur-tribal-ekta-parishad-carried-out-the-nefarious-act-of-dividing-the-tribals-apart-from-lewd-remarks-on-the-gods-and-goddes/

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