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*Watch Video :- देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले 377 वीर शहीदों की याद में जशपुर के अमर जवान स्मारक स्थल में शहीद दिवस परेड का आयोजन किया गया, छत्तीसगढ़ और जशपुर के जवानों ने भी दी शहादत, जानिए क्यों मनाया जाता है पुलिस शहीद स्मृति दिवस……….*

शहीदों को दी गई सलामी, शहीद स्मृति दिवस
जशपुरनगर:- नगर के पुलिस लाइन में स्थित शहीद स्मारक स्थल में पुलिस स्मृति दिवस का आयोजन किया गया। पुलिस स्मृति दिवस पर देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीदों की याद में शहीद दिवस परेड का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जशपुर पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने देश में अपने कर्तव्य के दौरान शहीद हुए 377 पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के नाम का वाचन किया। देश भर में जहां गत वर्ष 377 जवानों ने श्रद्धांजलि दी वहीं छत्तीसगढ़ के 18 व जशपुर के 3 जवानों ने श्रद्धांजलि दी। इस दौरान पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल, सीआरपीएफ कमाण्डेन्ट संजीव कुमार, एमएलए, नपा उपाध्यक्ष राजू गुप्ता, डीएफओ श्रीकृष्ण जाधव पुलिसकर्मियों गणमान्य नागरिकों और शहीद परिवारों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

क्यों मनाया जाता है पुलिस शहीद स्मृति दिवस

पुलिस शहीद स्मृति दिवस को लेकर सीआरपीएफ की बहादुरी का एक किस्सा है। आज से 61 साल पहले 21 अक्टूबर 1959 में लद्दाख में तीसरी बटालियन की एक कम्पनी को भारत-तिब्बत सीमा की सुरक्षा के लिए लद्दाख में ‘हाट-स्प्रिंग’ में तैनात किया गया था। कम्पनी को टुकड़ियों में बांटकर चौकसी करने को कहा गया। जब बल के 21 जवानों का गश्ती दल ‘हाट-स्प्रिंग’ में गश्त कर रहा था, तभी चीनी फौज के एक बहुत बड़े दस्ते ने इस गश्ती टुकड़ी पर घात लगाकर आक्रमण कर दिया। तब बल के मात्र 21 जवानों ने चीनी आक्रमणकारियों का डटकर मुकाबला किया।

मातृ भूमि की रक्षा के लिए लड़ते हुए 10 शूरवीर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया. हमारे बल के लिए और हम सबके लिए यह गौरव की बात है कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के इन बहादुर जवानों के बलिदान को देश के सभी केन्द्रीय पुलिस संगठनों और सभी राज्यों की सिविल पुलिस ‘पुलिस स्मृति दिवस’ के रूप में मनाते हैं।

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