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*watch video:- एक शिक्षक ने ली वाट्सप में छुट्टी, दूसरा हो गया गायब, फिर रसोइया ने सम्हाली कमान, देखिये जशपुर जिले में शिक्षा गुणवत्ता, दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्र के समान हो रहा स्कूलों का संचालन, बस तनख्वा समय पर मिल जानी चाहिये, कलेक्टोरेट के घेराव में स्थानीय समस्याओं को भी रखती कांग्रेस तो बेहतर हो जाता जिले का भविष्य……*

शिक्षक नदारद रसोइया के भरोसे स्कूल, देखिये जशपुर जिले में शिक्षा व्यवस्था

अंकिरा/जशपुर। नितीश कुमार एंव अनिकेत की ग्राउंड रिपोर्ट। जशपुर जिले में शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता बनाए रखने प्रशिक्षणों के खर्च का आकलन करें तो लाखों करोड़ों में होगा। लेकिन जमीनी स्तर पर स्कूलों का संचालन जिस प्रकार हो रहा है वह जशपुर के दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्र में हुए बहुचर्चित अनाचार कांड वाली संस्था की व्यवस्था से कम नहीं है।
खबर मंगलवार को फरसाबहार विकास खंड के प्राथमिक शाला सागजोर से सामने आई है, जहां दो शिक्षक पदस्थ हैं। मंगलवार को एक शिक्षक ने डेंगू बुखार की जानकारी विभाग के वाट्सप ग्रुप में देते हुए 2 दिन तक छुट्टी का आवदेन दिया। वहीं दूसरे शिक्षक शंकर राम नायक बिना किसी सूचना के स्कूल 2 दिन से नहीं आये हैं। व्हाट्सएप में दिए गए अवकाश की सूचना और बिना किसी सूचना के गायब दोनों शिक्षकों की उपस्थिति और अनुपस्थिति दैनिक पंजी में किस प्रकार दर्ज की जाएगी यह तो उच्च अधिकारी ही बता सकते हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि जब स्कूल के दोनों जिम्मेदार शिक्षक स्कूल में नहीं थे तो फिर यहां के बच्चों को किसके भरोसे छोड़ा गया था।
ग्राउंड जीरो के रिपोर्टर ने पूरी स्कूल की जानकारी ली, जहाँ खाना बनाने वाला रसोइया शिक्षक बन कर बच्चों की कापी जांच करते पाया गया। तस्वीर हमारे कैमरे में कैद हो गई। क्षेत्र के लोग बताते हैं कि स्कूल के शिक्षकों की मनमानी चरम पर है, मन हुआ तो आ गए मन नहीं हुआ तो नहीं आए। बच्चों की पढ़ाई व उनके भविष्य से उनका अब भी कोई लेना देना नहीं है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जब बच्चों से उनकी शैक्षणिक गुणवत्ता के बारे में जानकारी ली गई तो बच्चे प्राथमिक स्तर के पहाड़ा भी नहीं बता सके।
ओड़िसा के बॉर्डर पर स्थित सागजोर प्राथमिक शाला जशपुर ही नहीं छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था को पड़ोसी राज्य तक दिखाती है।
यदि हम सरोकार की बात करें तो 1 दिन पहले ही जिला कांग्रेस ने जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट का घेराव उत्तर प्रदेश की सरकार और व्यवस्था को लेकर करने का प्रयास किया। उत्तर प्रदेश में जघन्य अपराध हुआ इसमें कोई दो मत नहीं है लेकिन उस विरोध प्रदर्शन में जिला कांग्रेस यदि जशपुर जिले के इस शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती तो बच्चों का बेहतर भविष्य होता। यदि बच्चों की शिक्षा व्यवस्था और गुणवत्ता बेहतर होती तो उत्तर प्रदेश जैसी घटना भी भविष्य में नहीं होती। लेकिन जशपुर जिले के इस व्यवस्था के प्रति ना ही सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों का कोई सरोकार है ना ही विपक्ष को चिंता।
देखना यह है कि शासन के निर्देशों का प्रशासन इंतजार करती है या जिला प्रशासन के द्वारा स्वयं इस व्यवस्था को सुधारने कोई ठोस पहल किया जाता है।

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