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*देखिये वीडियो:- राममय हुई धर्मनगरी कोतबा,भव्य कलशयात्रा के साथ सार्वजनिक श्रीरामकथा का हुवा शुभारंभ,राम नाम अविनाशी सबसे बड़ा महामन्त्र है : पूज्य किशोरी वेदांगनी पाण्डेय*

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राममय हुई धर्मनगरी कोतबा,भव्य कलशयात्रा के साथ सार्वजनिक श्रीरामकथा का हुवा शुभारंभ,

कोतबा:- धर्मनगरी कोतबा में पहली बार नव वर्ष का आगाज सार्वजनिक श्रीराम कथा के साथ हुवा। पहले दिन नगर भ्रमण कर भव्य कलश यात्रा निकाली गई।कथा स्थल तिलगोड़ा मैदान में कथा वाचिका पूज्य किशोरी वेदांगनी पाण्डेय वृन्दावन से आकर श्रीराम कथा का वाचन कर रही है । कथा के पहले दिन पूज्य किशोरी जी ने बताया कि राम नाम अविनाशी है। दुनिया इधर से उधर हो जाए, सब कुछ बदल जाए पर यह राम नाम ज्यों का त्यों यूं ही सदा बना रहेगा।

धर्मनगरी कोतबा में पहली बार आयोजित श्रीरामकथा से पहले नगर में भव्य कलशयात्रा निकली गयी।कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई। वे पारंपरिक परिधान पहनकर सिर में मंगल कलश लेकर कलश यात्रा में सम्मिलित हुई। कलशयात्रा तिलगोड़ा प्रांगण से आरम्भ होकर रायगढिया चौक,हनुमान मंदिर चौक,बस स्टैण्ड से मुख्य मार्ग होते हुए सतिघाट धाम पहुंची जहाँ कलश पूजन कर जल भर कर मुख्य मार्ग से परशुराम चौक राम मंदिर पारा होते हुए वापस कथा स्थल पहुंची । रास्तेभर कलश यात्रा का स्वागत सत्कार हुआ कलशयात्रा की अगवानी संत समाज के भक्तगण रामायण की चौपाई गाते हुए पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ गुणगान करते हुए चल रहे थे। भक्तगण जय श्री राम के (उद्घोष) के नारे लगाते हुए निकले कथा वाचिका पूज्य किशोरी वेदांगनी पाण्डेय ने कलश यात्रा का महत्व बताते हुए कहा कि कलश यात्रा में तीनों देव ब्रह्मा, विष्णु, महेश और 33 कोटि देवी-देवता कलश में विराजमान होते हैं। कलश यात्रा में सिर पर कलश धारण करने से श्रद्धालु की आत्मा पवित्र होती है।कलश को धारण करने वाले जहां से भी गुज़रते हैं, वहां की धरती स्वयं सिद्ध होती जाती है। नगर के मुख्य मार्ग पर भव्य कलश यात्रा निकाली गई सिर पर कलश रखे महिलाओं की टोली जब निकली तो नगर का वातावरण भक्तिमय हो गया।कलश यात्रा के साथ ही श्रीराम कथा का शुभारंभ हो गया।
कथा व्यास पूज्य किशोरी वेदांगनी पाण्डेय ने भगवान श्रीराम के चरित्र पर प्रकाश डाला सोमवार को प्रथम दिन की कथा में पूज्य किशोरी जी ने बताया जब प्रभु श्रीराम की विशेष कृपा अपने भक्त पर होती है तब हमें रामकथा श्रवण का सौभाग्य प्राप्त होता है। राम कथा सुंदर करतारी, संशय विहग उड़ावन हारी। राम कथा हमारे सभी संशय को दूर करने करने वाली है। भगवान राम का जीवन चरित्र एवं राम कथा हमें जीवन कैसे जिया जाए उसकी प्रेरणा देती है। जब संशय दूर होते है तब हमें संसार के प्रत्येक जीव में भगवान राम का दर्शन होते रहता है। और पूज्य दीदी जी ने बताया कि राम चरितमानस मानस में संतो की वंदना व मूर्खों की वंदना गोस्वामी तुलसीदास जी ने एक बार नही दो दो बार की है। संत व भक्त तो भगवान को एक बार में समझ लेते है। पर मूर्ख एक बार मे नही समझते है। तो तुलसीदास जी ने दो बार वंदना कर के सिखाया है।आगे पूज्य किशोरी जी ने कहा कि रामचरित मानस जीवन को सही दिशा देती है। इससे व्यक्ति की दशा बदल जाती है। रामचरित मानस को जीवन में धारण करने से व्यक्ति के अभिमान का नाश होता है। व्यक्ति को अभिमान रहित होकर भगवान की भक्ति करनी चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि मनुष्य को श्रीरामकथा क्यों सुननी चाहिए इस बारे वर्णन कियाl साथ ही मर्यादा पुरुषोत्तम राम के चरित्र को मनुष्य अपने जीवन में अपनाएं उनके आचरण को समझें l मनुष्य की हर चिंता हर समस्या का हल राम कथा सुनने से हो जाता है l चित्रकूट तुलसी जी की जन्मस्थली है जिन्होंने रामचरितमानस की रचना की थी l गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामायण के शुरू में गुरु के चरणों की वंदना की है इसलिए इस जगत में गुरु का स्थान सर्वश्रेष्ठ है l राम कथा सुनकर श्रोता भक्ति में डूबे नजर आए एवं मधुर मधुर संगीत मई राम कथा के भजनों का आनंद लेते रहे ।श्रीराम कथा के संयोजक आचार्य बलराम ब्रजवासी जी महाराज ने बताया कि 1 से 8 जनवरी तक प्रतिदिन दोपहर तीन से शाम छह बजे तक श्रीरामकथा आयोजित है। जिसमे कोतबा नगर सहित सभी सनातनी को सम्मिलित होने का अनुग्रह करते है। आचार्य बलराम ब्रजवासी जी महाराज के पावन सानिध्य में चल रही श्री रामकथा पहले दिन 1 जनवरी को नववर्ष के आगाज के साथ ही धर्मनगरी राममय हो गयी राम भक्ति में सराबोर होकर सैकड़ों भक्त रामनाम रूपी भक्ति सागर में गोते लगा रहे है।यह सार्वजनिक श्रीराम कथा आयोजन समस्त नगरवासियों के सहयोग से सार्वजनिक रूप से आयोजित किया गया है।

राम नाम अविनाशी सबसे बड़ा महामन्त्र है :

कथा व्यास पूज्य किशोरी वेदांगनी पाण्डेय ने कहा कि
राम नाम अविनाशी है। दुनिया इधर से उधर हो जाए, सब कुछ बदल जाए पर यह राम नाम ज्यों का त्यों यूं ही सदा बना रहेगा। इस राम नाम की महिमा कभी भी कम नहीं होगी बल्कि दिन-प्रतिदिन इसकी महिमा बढ़ते ही जाएगी। उन्होंने कहा कि राम की महिमा अपरंपार है। प्रभु श्रीराम स्वयं कह गए राम से बड़ा राम का नाम है। जो बात स्वयं राम कह गए वो कैसे गलत हो सकती है। जीवन का आधार ही राम नाम है। हर जगह राम नाम की महिमा का गुणगान है। राम सिर्फ एक नाम नहीं है। राम नाम सबसे बड़ा मंत्र है। राम नाम की महिमा तो ये है की सदाशिव भोले शंकर भी राम नाम जपते रहते हैं। इसी नाम का वो हर प्रहर जाप करते रहते हैं। संसार चल ही राम नाम से रहा है। सूर्य, चन्द्रमा, अग्नि, वायु सभी में जो शक्ति है वह राम नाम में समाहित है। जीवन में राम नाम का बहुत महत्व है। जीवन के हर पल और हर क्षण में राम नाम चलन रहता है। बच्चे के जन्म में श्री राम के अगला का सोहर होता है। विवाह आदि मांगलिक कार्यों के अवसर पर श्री र लेख के गीत गाए जाते हैं। यहां तक कि मनुष्य की अंतिम यात्रा में भी राम नाम का ही घोष किया जाता है। राम सब में बड़े हैं। राम में शिव और शिव में राम विद्यमान हैं। श्री राम को शिव का महामंत्र माना गया है और राम सर्वमुक्त हैं। राम सबकी चेतना का सजीव नाम है।

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