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*देखिये वीडियो:- जिले की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था ने रुलाया ग्रामीणों को,पोस्टमार्टम के लिए 40 किलोमीटर दौड़ लगाने का सुनाया फरमान,शव लेकर बैठे ग्रामीणों ने पूछा- किस काम का है सन्ना को तहसील घोषित करना……पढिए,मानवीय संवेदना को झकझोरती ग्राउंड जीरो की यह एक्सक्लूसिव रिपोर्ट*

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जिले की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था ने रुलाया ग्रामीणों को,पोस्टमार्टम के लिए 40 किलोमीटर दौड़....

सन्ना/ जशपुर। ( राकेश गुप्ता की रिपोर्ट ) छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा पहाड़ी कोरवा आवासीय क्षेत्र सन्ना में एक बार फिर  स्वास्थ्य विभाग की  लापरवाही से ग्रामीणों को पोस्टमार्टम के लिए हलकान होना पड़ा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक न होने के कारण मृतक के स्वजनों को शव को 50 किलोमीटर दूर सन्ना ले कर आने का फरमान चिकिस्को ने सुना दिया। स्वास्थ्य विभाग के इस तुगलकी फरमान से मृतक के स्वजनों के साथ पूरे ग्रामीण हैरान परेशान होकर शव को लेकर जाने का साधन के इंतजार में बैठे हुए हैं। मामला जिले के सन्ना क्षेत्र के चम्पा गाँव की है। इस गांव के रहवासी लालचंद राम पुता घुनसी राम 50 साल की कल गांव के तालाब में नहाने के दौरान डूब जाने से मृत्यु हो गई थी। स्वजनों के अनुसार मृतक मिरगी की बीमारी से ग्रस्त था। अंदेशा जताया जा रहा है कि नहाने दौरान मिरिगी का दौरा आने से घटना हुई होगी। घटना की सूचना पर सन्ना पुलिस ने मर्ग पंजीबद्ध किया है।

*पोस्टमार्टम के लिए सौ किलोमीटर की दौड़*

चंपा में हुई इस घटना के बाद एक बार फिर यहां के ग्रामीण पोस्टमार्टम के लिए परेशान हुए। सन्ना में एमबीबीएस चिकित्सक की पद स्थापना न होने से,मृतको के स्वजनों को स्वास्थ्य विभाग ने 50 किलोमीटर दूर बगीचा ले कर जाने का फरमान सुना दिया। पोस्टमार्टम के बाद,इतनी ही दूरी वापसी के लिए स्वजनों को तय करना होगा। पूरे बगीचा ब्लाक में पोस्टमार्टम के लिए एक ही चिकित्सक होने की मजबूरी बताते हुए,विभाग के अधिकारियों ने सम्बंधित डॉकटर को सन्ना भेजे जाने पर भी असमर्थतता जता दी। इससे सुविधाहीन गांव चंपा के रहवासी परेशान हो कर शव के पास साधन का इंतजार करते हुए बैठे है।

*कागजो में सिमटा तहसील का अस्तित्व*

सन्ना को तहसील घोषित किये हुए दो साल से अधिक का समय हो चुका है। लेकिन यहां एक तहसीलदार की पदस्थापना के अतिरिक्त कोई सुविधा नही दी गई है। यहां तक कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का बोर्ड टांग दिया गया है। लेकिन,चिकित्सको की नियुक्ति नहीं हो पाई है। जिससे बीमारी के इलाज के लिए लोगो को इसी तरह परेशान होना पड़ता है।

*वर्जन*

‘बगीचा ब्लाक में एक ही चिकित्सक होने के कारण ऐसी स्थिति बनी है। शव को बग़ीचा ले जाने और वापस लाने के लिए विभाग की ओर से एम्बुलेंस उपलब्ध करा दिया गया है।
*डॉ रंजीत टोप्पो,सीएमएचओ,जशपुर।

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