जशपुरनगर। जशपुर जिले में शराबी शिक्षकों के द्वारा स्कूल संचालन का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। नया मामला पत्थलगांव विकासखंड अंतर्गत ग्राम सरना पारा प्राथमिक शाला से सामने आया है जहां एक शिक्षक स्कूल से नदारद रहे और जब स्कूल पहुंचे तो शराब के नशे में आकर बैठ गए। पूछे जाने पर शिक्षक ने स्वयं स्वीकार स्वीकार किया कि खाना खाने गया था तो थोड़ा सा मार लिया यानी कि शराब पी लिया। शिक्षक खुद प्रधान पाठक है और उनके भरोसे पूरे स्कूल का संचालन है। बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता को देखेंगे तो आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहेगा। प्राथमिक शाला के बच्चे क ख ग वर्णमाला से लेकर हिंदी में गिनती से भी कोसों दूर है।
स्कूल को शिक्षा का मंदिर माना जाता है जहां देश के भविष्य को गढ़ा जाता है और बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ ही अच्छे संस्कार देने की कोशिश की जाती है हालांकि जशपुर जिले में जो घटना सामने आई है उससे शिक्षा जगत को शर्मसार कर दिया है बता दें कि जशपुर जिले के अंतर्गत प्राथमिक शाला सरना पारा में पदस्थ प्रधान पाठक दुर्योधन पैंकरा शराब के नशे में धुत पाये गए, जो कि एकल शिक्षक विद्यालय के प्रधान पाठक है। जहां प्रधान पाठक द्वारा खुद ही स्वीकार किया गया कि उनके द्वारा शराब का सेवन किया गया है , उनका कहना है कि वह खाना खाने गए हुए थे और शराब पीकर आए हैं ,जो कि उनकी नजर में उचित है ,अब ऐसी स्थिति में क्या प्रधान पाठक को शिक्षा के मंदिर में शराब सेवन कर आना कहां तक उचित है। इस घटना ने अभिभावकों को सक्ते मे ला खड़ा कर दिया है अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। जो अपने बच्चों को ऐसे शिक्षक के हवाले कर उनके भविष्य को संवारने के सपने देख रहे हैं अपने आप में शर्मसार कर देने वाला यह वाक्या सरकारी स्कूलों की लचर व्यवस्थाओं पर बड़ा सवाल है। एक और राज्य सरकार शासकीय स्कूलों की दशा वह व्यवस्था को सुधारने में लगी हुई है वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार अध्यापक ऐसी करनी कर शिक्षा के मंदिर को तार-तार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं अध्यापकों की शराबी करतूतों से शासकीय स्कूल कलंकित हो रहे हैं यह कोई पहला वाक्या नहीं इस तरह के कई वाक्ये सामने आ चुके हैं जहां शिक्षकों की लापरवाही उजागर हो चुकी है मीडिया के माध्यम से प्रशासन को ऐसे भ्रष्ट नशा खोर शिक्षकों की जानकारी होती रहती है ।
शिक्षक के ऐसी करतूत पर ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है।
अब ऐसे में देखना यह होगा कि क्या शिक्षा विभाग एंव जिला प्रशासन द्वारा शराबी शिक्षक के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी या शराबी शिक्षक के हवाले बच्चों का भविष्य छोड़ दिया जाएगा।