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*देखिये वीडियो:- भूखे, प्यासे पसीना बहा रहे ग्रामीण, न भाजपा के विधायकों ने सुनी न ही कांग्रेस के विधायक ने ली सुध तो ग्रामीणों ने खुद उठा लिया फावड़ा, जन पहल से हो रही कोरवा बहुल गांव मैना, कलिया सड़क की मरम्मत, मेडिकल इमरजेंसी में इस मार्ग पर पैदल चलना हो गया है मुश्किल, इसी रास्ते से जाते हैं ग्रामीण खाली पैर राशन लेने…देखिये जशपुर के ग्रामीणों ने विधायकों और नेताओं के लिये क्या बोल दिया……*

विधायकों को कोस रहे ग्रामीण, किसी ने नहीं ली सुध तो खुद कर रहे सड़क की मरम्मत....
जशपुर/कलिया। कोरवा जनजाति बहुल क्षेत्र ग्राम मैना, कलिया क्षेत्र के ग्रामीण पथरीली सड़क की दुर्दषा से त्रस्त हैं। परेशान होकर ग्रामीणों ने खुद फावड़ा उठा लिया है और सड़क को आवागमन योग्य बनाने में जुट गए हैं। यह समस्या है बगीचा विकास खण्ड के ग्राम सन्ना से कलिया मार्ग की, जहां खासकर कलिया से ग्राम मैना तक की सड़क पूरी तरह से जर्जर है। ग्राम मैना के ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र कलिया व बाजार इसी मार्ग से होकर जाते हैं। सबसे अधिक परेशानी मेडिकल इमरजेंसी में होती है। ग्रामीणों का कहना है कि मरीजों को कंधे में ढो कर ले जाते हैं, उन्हें मार्ग में पैदल चलना भी मुश्किल होता है। ग्रामीणों को राशन सहित मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भी लंबी दूरी तय करनी पड़ती है और पथरीली रास्ते में बहुत मुश्किल से चलकर वे गंतव्य तक पहुंच पाते हैं।
विधायकों से नाराजगी

ग्रामीणों ने सड़क की दुर्दशा को लेकर पूर्व व वर्तमान विधायक से काफी नाराज हैं। ग्राउंड जीरो के कैमरे में ग्रामीणों ने विधायकों के प्रति जमकर आक्रोश व्यक्त किया और कहा कि सिर्फ वोट लेने के लिए विधायक आते हैं। भाजपा कार्यकाल के 2 विधायकों व कांग्रेस के एक विधायक का नाम लेते हुए ग्रामीणों ने कहा कि सब ने वादा किया कि हम आपकी सड़क बनवा देंगे और सड़क के कारण मरीजों की मौत व अन्य समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। ग्रामीण कहते हैं लेकिन वोट लेने के बाद कोई भी विधायक उनकी समस्याओं की तरफ झांकने नहीं आता है। इसी कारण अंततः ग्रामीण एकजुट हुए और ग्राम कलियां ग्राम मैना और ग्राम लरंगा के कुछ ग्रामीण जुट कर खुद ही सड़क की मरम्मत करने का प्रयास कर रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि वे मेहनत मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं और भूखे प्यासे रहकर इस सड़क की मरम्मत कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि यह वन मार्ग है और देखना यह है की कोरवा जनजाति सहित जिले के जनजातीय बहुल क्षेत्र की समस्याओं को लेकर सरकार कितना गंभीर है। इस मार्ग पर दर्जनों दुर्घटना हुई है और मरीजों को त्वरित चिकित्सा लाभ नहीं मिलने पर तड़पते देखा गया है। आज के समय में भी पाषाण युग के समान जीवन यापन करते ग्रामीण सड़क के कारण देखे जा रहे हैं। हालांकि जन पहल से सड़क की मरम्मत एक सार्थक पहल है लेकिन दुखद यह है कि सड़क निर्माण की जिम्मेदारी का सरकार निर्वहन क्यों नहीं कर रही है।

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