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*Watch video:- रोते, बिलखते गणेश राम भगत के पास मदद की गुहार लिए पहुंचे दिव्यांग केंद्र में अनाचार की शिकार हुईं पीड़ित बच्चियों के परिजन, कहा हमें बच्चियों से मिलने नहीं दिया जा रहा है, छुट्टी के बाद बच्चियां नहीं आना चाहती थी केंद्र, केंद्र से था ख़ौफ़, अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग, कहा यहां पहले भी होती रही है घटना, जानिए क्या कहा परिजनों ने और प्रशासन पर क्यों भड़के गणेश राम भगत……..*

दिव्यांग केंद्र में सामूहिक दुष्कर्म पर भड़के गणेश राम भगत, कहा सभी दोषियों पर हो एफआईआर

जशपुरनगर। जशपुर के एक दिव्यांग केंद्र में गत 22 सितंबर को 6 बच्चियों के साथ हुए गलत व्यवहार बलात्कार एवं छेड़छाड़ के मामले में परिजनों को जानकारी ही नहीं दी गई। परिजन रोते बिलखते पूर्व अजाक मंत्री गणेश राम भगत के पास आज पहुंचे और कहा कि हमें मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली। परिजनों ने पूर्व मंत्री से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि उन्हें उनके बच्चों से मिलने नहीं दिया जा रहा है और बिना माता-पिता व परिजनों की उपस्थिति में कैसे कार्यवाही हो रही है। परिजनों ने कार्रवाई पर संदेह जताया और गणेश राम भगत से मदद की गुहार लगाई। पीड़ितों के परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र में कुछ गलत चल रहा था इसी कारण उनकी बेटियां केंद्र में नहीं आना चाहती थी और उन्होंने जबरन केंद्र में समझाइश देकर भेजा था, जिसका उन्हें पछतावा हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बच्चे उन्हें सब कुछ बता देंगे इसलिए उनसे उन्हें मिलने नहीं दिया जा रहा है और मामले में लीपापोती कर केस को कमजोर किया जा रहा है।
रोते बिलखते पहुंचे परिजनों को सांत्वना देते हुए पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने कहा कि वे उनके साथ खड़े हैं और इस मामले में वे तब तक आंदोलन करेंगे जब तक सभी जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध f.i.r. नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि परिजनों के आने पर उन्होंने कलेक्टर जशपुर से भी स्थिति को अवगत कराया है। श्री भगत ने कहा कि यह कैसी व्यवस्था है जहां पोस्को एक्ट के तहत कार्रवाई हो रही है और परिजनों को इसकी जानकारी तक नहीं है। उन्होंने कहा कि जो दर्द इस घटना ने दिया है वह कभी खत्म नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि इस मामले में जितने भी बड़े अधिकारी जुड़े हैं सब के विरुद्ध एफआईआर होना चाहिए।

 

पूर्व मंत्री गणेश राम भगत से मिलकर फुट फुट कर रोये पीड़ित बच्चों के अभिभावक, जिला प्रशासन पर लगाये कई गम्भीर आरोप

परिजनों ने कहा कि गर्मी छुट्टी के बाद नहीं आना चाहते थे बच्चे संस्था में लेकिन तब हमें इस बात का एहसास ही नहीं हुआ कि कलेक्टर बंगले की दीवार से सटे इस संस्थान में ऐसी हैवानियत हमारे बच्चों के साथ हो सकता है ।हमने विश्वास करके अपने बच्चो को उनके अच्छे भविष्य की कामना से संस्थान में पढ़ने को भेजा था लेकिन जिला प्रशासन ने हमारे साथ विश्वासघात किया ,हमारे बच्चों के मन मस्तिष्क पर ऐसा घाव लगाया है कि शायद ही हम और हमारे बच्चे इससे उबर पाएंगे।
परिजनों ने कहा जब हमारे बच्चों के साथ इतनी गम्भीर घटना घटी तो प्रशासन ने हमें इसकी सूचना क्यो नही दिया।मीडिया में समाचार सुनकर जब परिजन अपने बच्चों से मिलने आये तो प्रबन्धको ने कहा कि ये फेंक न्यूज है ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है।
परिजनों ने पूछा हमारे नाबालिक दिव्यांग बच्चों के साथ घटी इस घटना में आखिर प्रशासन ने बगेर पालको की उपस्थिति और उनकी सहमति के आखिर उनका बयान और मुलाहिजा आदि की कार्यवाही कैसे कर लिया ?
आखिर आज भी प्रशासन उनके बच्चों से मिलने उनके परिजनों को क्यों नही दे रहा है ?
परिजनों ने आशंका व्यक्त किया कि ये पहली घटना नहीं है बल्कि इसके पूर्व से बच्चो के साथ घटना घट रही थी ,।
इसकी जांच सीबीआई से कराया जाना चाहिए

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