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*छत्तीसगढ़ के कद्दावर आदिवासी नेता और जशपुर के माटी पुत्र गणेश राम भगत जब पहुंचे नेपाल के तराई पर तो हजारों आदिवादियों ने किया जोरदार स्वागत, बिहार-नेपाल बॉर्डर के आदिवादियों में दिखी भारी उत्साह,और फिर वहां से गरजे पूर्व मंत्री कहा विधर्मी और नक्सली हमारे आदिवासियों को छेड़ना बन्द करो अन्यथा …..पढिये पूरी खबर।*

छत्तीसगढ़,जशपुर(राकेश गुप्ता):- आज हम आपको दिखाने जा रहे हैं हमारे जशपुर के मातीपुत्र और छत्तीसगढ़ प्रदेश के कद्दावर आदिवासी नेता गणेश राम भगत को लेकर कैसे बिहार-नेपाल बॉर्डर के आदिवासियों में उत्साह देखने को मिली है।पूर्व मंत्री गणेश राम भगत बीते शुक्रवार को जशपुर से उत्तरप्रदेश बनारस के धरती में काशी विश्वनाथ की दर्शन और रुद्राभिषेक करने निकले थे।शनिवार को रुद्राभिषेक और दर्शन के बाद अपने निर्धारित कार्यक्रम के लिए बिहार और नेपाल के बॉर्डर पर स्थित पश्चिमी चम्पारण(बिहार)जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के बगहा में रात्रि विश्राम के पश्चात बीते दिन रविवार को अपने जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले होने वाले कार्यक्रम में नौतनवा और दूसरा कार्यक्रम कदमहया पहुंचे जहां उन्हें देखने और सुनने के लिए हजारों हजारों की संख्या में आदिवासी बन्धु पहुंचे। इस आदिवासी नेता का स्वागत भी जोरों सोरों से हुई।पूर्व मंत्री अपने कार्यक्रम के उद्बोधन में नेपाल के तराई पर स्थित नौतनवा और कदमहया आदिवासी क्षेत्र में विधर्मी और नक्सलियों के खिलाफ भी काफी आक्रोश व्यक्त किया और आदिवासियों के साथ हो रहे धर्मांतरण के खिलाफ भी जमकर बरसे और जशपुर के मातीपुत्र ने विधर्मी और नक्सलियों को कई तरह की चेतावनी भी दे डाली। यह भी देखने को मिला कि पूर्व मंत्री और जशपुर के माटीपुत्र को सुनने के पश्चात आदिवासियों में काफी उत्साह और उमंग उमड़ पड़ा जिसके बाद नेपाल बिहार बॉर्डर के आदिवादियों में एक ऊर्जा का भी संचार हुआ।जिसके पश्चात पूर्व मंत्री गणेश राम भगत आज कदमहया से नेपाल के तराई पर बाल्मिकी नगर में पहुंच आदिवासी समाज के प्रमुखों से सौजन्य मुलाकात चर्चा के उपरांत भ्रमण करेंगे। पूर्व मंत्री पूरे समय *Y श्रेणी* सुरक्षा में हैं।

अब पूर्व मंत्री के इस कार्यक्रम के बाद जशपुर के आदिवासी भी खुद को गर्वान्वित महसूस कर रहें हैं।जिले के सन्ना पाठ क्षेत्र के आदिवासी नेता नयुराम भगत का कहना है कि गणेश राम भगत के द्वारा इस उम्र भी वही उमंग के साथ पूरे देश मे इस प्रकार का दौरा कार्यक्रम करना आसान बात नही। खास कर बिहार, उत्तरप्रदेश,झारखण्ड जैसे नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में जा कर आदिवासियों को जगाने का कार्य सराहनीय है।जशपुर के आदिवासियों के लिए यह गर्व की बात है हमारे जशपुर के माटी पुत्र को देखने सुनने दूसरे प्रदेशों में भी आदिवासी भाइयों में भारी उत्साह देखने को मिल रही है।

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