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*सावन की जब घटा अजब हो,संग पिया की आस लगी हो मेहंदी हाथ रचे बैठे हो,खन खन चूड़ी बाजे,कब आओगे साजन,देश भर के कवि सम्मेलन में जब जशपुर के कवियों ने दिखाई अपनी प्रतिभा….पढिये पूरी खबर*

जशपुरनगर:- श्री नंद राष्ट्रीय साहित्यिक मंच हरियाणा के आभासीय पटल पर हुई श्रृंगार की वर्षा 12 जून रविवार श्री नंद राष्ट्रीय साहित्यिक मंच हरियाणा के द्वारा भव्य ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे देश भर के विभिन्न राज्यों के कवि कवयित्रीयों ने हिस्सा लिया विषय था साजन की चूड़ी कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की स्तुति वंदना के साथ किया गया सरस्वती वंदना वरिष्ठ कवि मथुरा के श्री रवेन्द्र पाल सिंह ‘रसिक”के द्वारा प्रस्तुत किया गया इसके पश्चात स्वागत गीत वरिष्ठ कवि छत्तीसगढ़ श्री रामसाय श्रीवास राम जी ने किया गया स्वागत अभिनंदन के साथ काव्य पाठ आरंभ किया गया इसके साथ ही कवि एवं कवयित्रियों ने पटल पर सिंगार की वर्षा की मंडला मध्य प्रदेश के प्रख्यात कवि प्रोफ़ेसर डॉ शरद नारायण खरे अभिमान के साथ कहा की साजन की चूड़ी है कितनी अभिराम पहन इन्हें मैं बन गई पूरी तीरथ धाम ,बिहार के कवि कमलेश कुमार जी ने अपनी गायन शैली में कहा साजन की वो धानी चुनरिया कंगन चूड़ी अपार मुझे अच्छा लगता है सजना का सब उपहार, चेन्नई की कवयित्री उषा टिबरेवाल सभी को सोचने के लिए मजबूर कर देती हैं और एक प्रश्न रखती हैं कि ना हो जिनके साजन उसके सिंगार का क्यों ना हो खनकती चूड़ियां पूछ रही है ,वहीं दीपिका अग्रवाल कुरुक्षेत्र हरियाणा साजन की चूड़ी का बखान करते हुए कहती हैं मेरे संग संग रहती है साजन की चूड़ी पिया को अपना कहती है साजन की चूड़ी, श्री नंद राष्ट्रीय साहित्यिक मंच की राष्ट्रीय अध्यक्षा आदरणीया मंजीत कौर दिखाती हैं रंग बिरंगी चूड़ियां खनके साजन मेरे हाथों में गुम है कहां तू पूछे हर पल ,हर घड़ी वही कवि गीतकार लालाराम बृजवासी भरतपुर राजस्थान श्री नंद मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुंदर गीत की प्रस्तुति देते हुए गाते हैं साजन की एक चूड़ियां अरे साजन को रे बुलाए ,साजन तुझ बिन इस जग में मुझको कुछ ना आए ,वरिष्ठ साहित्यकार कभी श्री अशोक गोयल पिलखुवा उत्तर प्रदेश अपनी शानदार रचना से बयां करते हैं मां बहने वधू तनया खनकती हाथ चूड़ी से ,प्रिया हंसती लजाती सी साजन मन हार चूड़ी से ,अलीगढ़ उत्तर प्रदेश की कवयित्री ललिता कुमारी वर्मा अविरल अपनी श्रृंगार की रचना में कहती हैं मेरे सजन ने पहनाई यह चूड़ी मेरे हाथ हरी हरी चूड़ी और साजन ने पहनाई ये चूड़ी लाल छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ कवि रामसाय श्रीवास राम अपनी श्रृंगार के गीत में कहते हैं चूड़ी तेरे नाम की पहन रखी है हाथ जन्म जन्म छूटे नहीं साजन तेरा साथ ,संस्कार भारती के प्रणय श्रीवास्तव अश्क बालाघाट मध्य प्रदेश श्रृंगार रस की खूबसूरत रचना प्रस्तुत करते हुए कहते हैं साजन की चूड़ी पहन सजनी मुस्कुराई है गोरे गोरे हाथों में मेहंदी भी रचाई, हमेशा की तरह अपनी सुंदर गायन के लिए जाने जाने वाली करनाल हरियाणा की कवयित्री डॉक्टर ऋचा शर्मा कहती हैं सजना की चूड़ी लुभाती है जब सजनी के हाथों सज जाती है ,वहीं गुजरात की कवयित्री दक्षा एच निमावत पृथा के अनुसार सुहागिन के सुहाग की हरी रंग चूड़ियां खनकती है, छत्तीसगढ़ की कवयित्री प्रतिभा त्रिपाठी चूड़ियों से अपनी जिंदगी को बताती हुई कहती हैं खनकती रहे चूड़ियां मेरी संवरती रहे जिंदगी मेरी ,छत्तीसगढ़ के रेलवे में कार्यरत कवि रामरतन श्रीवास राधे राधे कहते हैं यौवन आवत देख के चूड़ियां करे पुकार ,साजन के संग जाएंगे साजन के मिलेंगे प्यार, प्रयागराज के वरिष्ठ कवि और अपने सुंदर गायकी के लिए जाने जाने वाले देवी प्रसाद पांडे जी कहते हैं शादी के मंडप में चूड़ी साजन बंधन करवाती चूड़ी का कटु सत्य है पत्नी परचम लहराती, मथुरा के प्रसिद्ध गीतकार कवि रवेन्द्र पाल सिंह “रसिक”अपनी शानदार गायन के साथ कहते हैं खन खन खन खनकती रही साजन की चूड़ियां आलस को यह भगा रही साजन की चूड़ियां, आजमगढ़ उत्तर प्रदेश की कवयित्री कविता नंदनी कहती हैं नारी बिना नही है पूरा जैसे ये संसार,चूड़ी बिना नही है पूरा नारी का श्रृंगार, रायसेन मध्य प्रदेश के वरिष्ठ कवि श्री महेश प्रसाद शर्मा भी साजन की चूड़ी विषय पर श्रृंगार की सुंदर रचना प्रस्तुत करते हैं इसी क्रम में लता रानी डॉक्टर मधुकर राव लारोकर महाराष्ट्र ,मीनाक्षी शर्मा,एवं अन्य कवियों ने भी साजन की चूड़ी विषय पर सुंदर रचनाओं के साथ मंच पर श्रृंगार की वर्षा कराई कार्यक्रम में मुख्य रूप से संस्कार न्यूज़ के CEO श्री विजय कुमार शर्मा जी की भी उपस्थिति रही,समापन के पश्चात सभी काव्यकारों को अलंकार शिरोमणि सम्मान 2022 से सम्मानित किया गया सम्मान के लिए संस्था के संरक्षक श्री कैलाश चंद्र शास्त्री एवं संस्थापक श्री प्रमोद सत्यधृत ने सभी काव्यकारों को शुभकामनाएं एवं बधाई दी कार्यक्रम के समापन में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री सुशील पाठक ने उदबोधन में कहा श्री नंद साहित्यिक मंच नित्य निरंतर सफलता की ओर बढ़ रहा है हम सब साहित्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं उन्होंने अपनी रचनाओं में कहा तेरी चूड़ियों में मेरे होने का एहसास है तेरी खनकती चूड़ियां मेरे पास है लाल पीली हरी नीली साजन की चूड़ी खास है,कार्यक्रम के अंत में आभार ज्ञापन के पश्चात कवि के साथ कॉफी पटल के संस्थापक श्री सत्य प्रकाश पांडे जी के पिताजी को श्रद्धांजलि एवं संस्कार भारती के संस्थापक बाबा योगेंद्र जी को श्रद्धांजलि देते हुए 2 मिनट का मौन रखकर समापन किया गया।

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