Connect with us
ad

Jashpur

*Video:- जिले में 49 हाथियों का दल कर रहा विचरण, अब रायगढ़ से भी पहुंचे और पांच नए हाथी, नागलोक में गज एवं मानव के बीच आतंक का साइड इफेक्ट, 11 सालाें में हाथियों के हमले से सैंकड़ो लोगों की जा चुकी है जान ….*

Published

on

(मुकेश नायक ग्राउंड रिपोर्ट )

सिंगीबहार/जशपुर। :-इन दिनों नागलोक में सर्प का आतंक कम और गज के आतंक से लोग मुख्य मार्ग में भी आवागमन को करने से कतरा रहे हैं । जिले के वनपरीक्षेत्र दुलदुला में 3 ,मनोरा में 1,कुनकुरी में 4 तपकरा में 41 हाथी विचरण कर रहे है. जिसमे आज सुबह सुबह ओडिसा की ओर वन विभाग तपकरा के गश्ती टीम द्वारा 7 हाथियों को खदेड़ा गया है । इस समय नागलोक का हाल कुछ ऐसा है कि कभी भी किसी भी मार्ग पर मानव और गज के बीच मिलाप हो रहा है ऐसे में नागलोक वासीयों पर खतरा का साया मंडरा रहा है। हर समय जान पर बन आई है.अब जिले में हाथियों की समस्या आम हो गई है। आए दिन किसी ना किसी गांव में हाथियों के द्वारा नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जिले में आधे दर्जन से ज्यादा हाथियों का दल मुख्य रूप से विचरण कर रहा है । इन हाथियों के दलों पर वन विभाग की टीम लगातार अपनी नजर बनाए रखा है। बावजूद इसके हाथियों का दल प्रतिदिन किसी ना किसी गांव में प्रवेश कर जाता है । और किसानों के फसल को चट कर जा रहा है या खेल के बर्बाद कर दिया जा रहा है । जानकारी के अनुसार गुरुवार को जिले भर में 49 हाथी विचरण कर रहे हैं। विभाग की माने तो जिले में हाथी की समस्या 1989 से शुरू हुई है। 31 सालों में हाथियों के समस्या को कोई समाधान नहीं निकल पाया है। हाथियों के समस्या का कोई स्थायी समाधान ना निकलने से आज तक हाथी की समस्या जस की तस बनी हुई है। 2021 में अब तक हाथियों के हमले से आधे दर्जन से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। विभाग की माने तो जिले में हाथियों का आतंक ओडिशा की ओर से हो रही घुसपैठ की वजह से बढ़ रही है। समस्या के समाधान के लिए मशाल जलाने, पटाखा फोड़ने, हाई बीम टॉर्च, इलेक्ट्रिक वायर फेसिंग, हुल्ला पार्टी गठित करने जैसे कई प्रयोग केंद्र व राज्य सरकार कर चुकी है। सरकारी प्रयोग में करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन नतीजा शून्य है।
दस सालों में 15 हाथी की मौत 5 को करंट लगाकर मारा गया.जिले में हाथी और मानव द्वंद के बीच 10 सालों में जिलें में 15 हाथी भी अपनी जान गंवा चूके हैं। 15 हाथियों में से 5 हाथियों की मौत करंट की चपेट में आने से हुई है। वहीं एक हाथी की मौत भूख के कारण भी हो चूकी है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2011 में दुलदुला वन परिक्षेत्र में एक हाथी की मौत भूख के कारण भी हो चूकी है। वहीं दो हाथियों के आपसी लड़ाई में भी एक हाथी की जान जा चूकी है। इसके साथ ही 11 सालों में दो हाथियों की स्वाभाविक मौत भी हुई है एवं दो हाथियों की मौत बिमारी की कारण हो चूकी है।

11 सालों में सैंकड़ो लोगों ने गवाई अपनी जान, 110 हुए घायल

हाथी और मानव के बीच लगातार द्वंद चल रहा है। इसमें कभी हाथी तो कभी ग्रामीण की मौत हो रही है। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में पिछले 11 वर्षों में हाथियों ने सैंकड़ो लोगो की जान ली है। 110 ग्रामीण हाथी के हमले में घायल हो चुके हैं। इस दौरान हाथियों के दल ने 4070 ग्रामीणों के घरों को नुकसान भी पहुंचाया है। वहीं 15 हाथियों की मौत भी हो चूकी है। हाथियों के द्वारा किए गए हानि के मामले में प्रतिवर्ष विभाग के द्वारा लाखों रुपए का मुआवजा भी वितरित करता है।

Advertisement

RO NO- 12884/2

RO- 12884/2

RO-12884/2

Demo ad

RO- 12884/2

ad

Ad

Ad

Ad

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Chhattisgarh3 years ago

*बिग ब्रेकिंग :- युद्धवीर सिंह जूदेव “छोटू बाबा”,का निधन, छत्तीसगढ़ ने फिर खोया एक बाहुबली, दबंग, बेबाक बोलने वाला नेतृत्व, बेंगलुरु में चल रहा था इलाज, समर्थकों को बड़ा सदमा, कम उम्र में कई बड़ी जिम्मेदारियां के निर्वहन के बाद दुखद अंत से राजनीतिक गलियारे में पसरा मातम, जिला पंचायत सदस्य से विधायक, संसदीय सचिव और बहुजन हिन्दू परिषद के अध्यक्ष के बाद दुनिया को कह दिया अलविदा..*

IMG 20240821 WA0000
Chhattisgarh3 months ago

*बिग ब्रेकिंग:- विदेशी नागरिक को भारत में अनुसूचित जनजाति की भूमि क्रय करने का अधिकार नहीं ,बेल्जियम निवासी एच गिट्स के द्वारा फर्जी ढंग से खरीदी गई भूमि को जनजाति के सदस्य वीरेंद्र लकड़ा को वापस करने का ऐतिहासिक निर्णय कलेक्टर जशपुर डा रवि मित्तल ने सुनाया………..*

Chhattisgarh3 years ago

*जशपुर जिले के एक छोटे से गांव में रहने वाले शिक्षक के बेटे ने भरी ऊंची उड़ान, CGPSC सिविल सेवा परीक्षा में 24 वां रैंक प्राप्त कर किया जिले को गौरवन्वित, डीएसपी पद पर हुए दोकड़ा के दीपक भगत, गुरुजनों एंव सहपाठियों को दिया सफलता का श्रेय……*