Jashpur
*उपलब्धि:-संसाधन की कमी नहीं आई आड़े,फेफड़े से पानी निकालकर बचाई जान,..छोटी-छोटी बीमारियों के लिये,लोगों को करना पड़ता था,लंबी सफर,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की बदल रही तस्वीर..लोगों को मिल रहा बेहतर उपचार..देखिये वीडियो!*
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2 years agoon
कोतबा,जशपुरनगर:- (सजन बंजारा की रिपोर्ट) कहते हैं कि अगर मन में सेवा करने की इच्छा हो तो संसाधन की कमी आड़े नहीं आती। ऐसा ही कर दिखाया है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोतबा के चिकित्सक डा अजित कुमार बंदे ने। दरअसल नगर पंचायत कोतबा के एक निवासी लंबे अर्से से फेफड़े की बीमारी से ग्रस्त थे। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उनके स्वजन इलाज के लिए बाहर नहीं ले जा पा रहे थे। पार्षद की पहल पर बीमार मरीज को इलाज के लिए कोतबा के प्राथमिक स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर लाया गया। यहां मरीज के परीक्षण के बाद उसे प्लुरल एफ्यूजन (फेफड़ा में पानी भरना) प्रोसेस को थोरेकोसेंटेसिस टीवी बीमारी से ग्रसित पाया गया। डा बंदे ने इस छोटे से अस्पताल में सीमित संसाधनों का बेहतरीन उपयोग करते हुएअपने अनुभव से प्रोसेस थोरेकोसेंटेसिस विधि से मरीज के फेफड़े से 3 लीटर गंदा पानी निकालकर उसकी जान बचाई। डा बंदे की इस सेवाभाव की सर्वत्र प्रशंसा की जा रही है। कभी डाक्टरों की लापरवाही और अव्यवस्था के लिए सुर्खियां बटोरने वाला हेल्थ और वेयरलेन्स सेंटर कोतबा में अब 24 घंटे कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। इसके साथ ही अस्पताल परिसर में साफ सफाई व्यवस्था दुरुस्त हुआ है। चिकित्सक की पहल पर नगरवासी भी मदद के लिए आगे आने लगे हैं। नगरवासियों ने मरीजों की सुविधा के लिए इन्वेंटर,गद्दे, कूलर,वाशिंग मशीन,ईसीजी मशीन सहित कई आवशयक चीजें दान कर चुके हैं। नगर पंचायत अध्यक्ष बीरेंद्र एक्का ने अध्यक्ष निधि से पांच लाख रुपये से अस्पताल भवन की छत की मरम्मत कराई है। इससे मरीजों को बरसात में होने वाली पानी के रिसाव से मुक्ति मिल गई है। अस्पताल प्रभारी डा बंदे की इस सेवा और समर्पण भाव की कलेक्टर डा रवि मित्तल भी निरीक्षण के दौरान सराहना कर चुके हैं।