Chhattisgarh
*बेटे की मौत को पिता कैसे भूल सकता है, जहां हुई बेटे गणेश की मौत, मुआवजे के पैसे से वहीं बनवाया विघ्नहर्ता देवों के देव भगवान गणेश जी का मंदिर, अब दर्शन करने दूर दराज से आते है भक्तगण, इस मंदिर की कहानी कर देती है भाव विभोर, हर गणेश उत्सव पर यहां दर्शन के लिये उमड़ते हैं श्रद्धालु……*
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3 years agoon
कोतबा/जशपुर। :- आज के समय में जहां रुपए के लोग अपनों का ही खून बहाने से नहीं घबराते वहीं धर्मकर्म में विश्वास रखने वाले सच्चे इंसानों की भी कोई कमी नहीं है। बेटे गणेश की मृत्यु के बाद सरकार से मिली मुआवजा राशि का कोतबा के एक व्यक्ति ने मंदिर निर्माण करवाया है। 18 जनवरी 2018 में विधि-विधान से मंदिर में भगवान विघ्नहर्ता गणेश की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। आज भी परिवार को गणेश के असमय हुई मृत्यु का मलाल है। पूरा परिवार रोजाना भगवान गणेश की पूजन कर बेटे को याद करते है।
धर्मनगरी कोतबा के वार्ड क्रमांक 5 राम मंदिर पारा के रहवासी भोला शर्मा पिता ललित शर्मा का 9 वर्षीय ईकलौता पुत्र था। वह 6 जुलाई 2016 को नगर के सतिघाट धाम अपने दोस्तों व बहन के साथ नहाने गया था। उसी दौरान पैर फिसल जाने से गहरे पानी मे फंस जाने से डूबकर उसकी मृत्यु हो गई थी। एक ही पुत्र के रहने और उसके असामायिक मौत ने दंपति को झकझोर दिया था। परिवार वालों ने ठाना कि मिली सहायता राशि से उसकी याद में उसी जगह मंदिर स्थापना की जाएगी। 18 जनवरी से गणेश मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान विधि-विधान से किया जा रहा था। बसंत पंचमी को यानी आज पालकी में भगवान गणेश की मूर्ति और स्वर्गीय बालक के चित्र रखकर नगर भ्रमण कराकर मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा की गई थी। सतिघाट धाम की प्रसिद्धि में ये गणेश मंदिर में समिलित है।जहाँ जशपुर जिले सहित रायगढ़ जिले व ओड़िसा के भक्तगण यहाँ आ कर भगवान गणेश का दर्शन प्राप्त कर रहे है।
विघ्नहर्ता कर रहे सबकी रक्षा
भोला शर्मा का कहना है कि भगवान गणेश स्वयं विघ्नहर्ता हैं। अब मैने सतीघाट में उनकी स्थापना कर दी है। श्री शर्मा ने कहा कि सतीघाट में जिस तरह उनके पुत्र की डूबने से मृत्यु हो गई और उन्होंने अपना ईकलौता लाल खो दिया वैसा अन्य किसी के साथ ना हो। इसी कामना को लेकर सती घाट में सबकी रक्षा की प्रार्थना के साथ उन्होंने भगवान गणेश का मंदिर बनवाकर वहां प्रतिमा स्थापना करवाई है।