Jashpur
*ब्रेकिंग जशपुर :कांग्रेस के टिकट बंटवारे को लेकर मचा घमासान,जशपुर जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर पूर्व विधायकों के टिकट कटने की चर्चा से खलबली,सर्वे रिपोर्ट पर टिकी निगाहें,किसी ने कहा DONE तो किसी ने कह दी यह बात,क्या वाकई कांग्रेसपार्टी में इन नेताओं के भाग्य अधर में हैं या नये चेहरे को मिलेगा मौका,पढ़िये ग्राउंडजीरो ई न्यूज समझिए सियासती दांव पेंच.!*
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1 year agoon
जशपुरनगर:-भारतीय जनतापार्टी द्वारा जशपुर के तीनों विधानसभा में टिकट बंटवारे के बाद अब कांग्रेस पार्टी के प्रबल उमीदवारों के चेहरे पर मायूसी छाई होने की खबरें आ रही है।बताया जा रहा है कि जशपुर जिले के तीनों विधानसभा पत्थलगांव,कुनकुरी,जशपुर के विधायकों ने अपनी टिकट सुनिश्चित करने के लिए रायपुर में डेरा जमाया है।
कांग्रेसपार्टी के हाईकमान के सारे रिपोर्ट के बाद भी अब पब्लिक सर्वे रिपोर्ट पर पार्टी ने मुहर लगाने की बात कही है.ऐसे में यह बताया जा रहा है कि जशपुर से विनय भगत का सर्वे रिपोर्ट पार्टी हाईकमान ने स्वीकार किया है.लेकिन कुनकुरी और पत्थलगांव से वर्तमान विधायकों की टिकट कटने की खबरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं.इससे पार्टी से जुड़े लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है.बताया जा रहा है कि जिन प्रत्याशियों ने अपनी टिकट की दावेदारी की थी.कुछ लोगों के नाम पैनल में भी नहीं गये है.”लेकिन पार्टी की नई गाइडलाइन सर्वे रिपोर्ट में उन्हें प्रबल दावेदार बताया जा रहा है।
हांलाकि कांग्रेसपार्टी के लगभग 40 वर्तमान विधायकों की सूची शोसल मीडिया में वायरल हो रही है.जिनका टिकट काटे जाने संभावित है.उनमें रायगढ़,कुनकुरी,पत्थलगांव,लैलूंगा सहित 23 विधायकों के नाम है।
बरहाल कांग्रेस के बाद भाजपा में भी टिकट बटवारा होने के बाद विरोध के स्वर तेज हो गए है.उधर जशपुरनगर से पूर्व मंत्री गणेश राम भगत को टिकट नही मिलने पर आदिवासी समाज रायपुर कुच किये है तो इधर तानाशाही और उपेक्षा सहित अनदेखी के आरोपों में कांग्रेसपार्टी घिरी हुई है।
शोसल मीडिया में वायरल हो रहे टिकट कटने को लेकर पत्थलगांव से सुकृत सिंह,कुनकुरी से नंदकुमार साय को प्रबल दावेदार बताया जा रहा है.बरहाल पार्टी अब किसे मैदान में उतरेगी यह तो टिकट सुनिश्चित के बाद ही कहा जा सकता है।
*गुट में बटी दोनों पार्टियां..!*
राज्य में कांग्रेस की सत्ता होने के बावजूद इस चुनाव में गुटबाजी खुलकर सामने आ रही है.कई कांग्रेस के कर्मठ पदाधिकारीयों ने शोसल मीडिया में अप्रत्यक्ष रूप से अपना समर्थन नये उमीदवारों को दिया है.तो उधर भाजपा में भी खुली बहस चल रही है.हालाकि यह शोसल मीडिया की बातें है.लेकिन इससे यह बात सामने आती है कि हर एक पार्टियों में गुटीय प्रथा का कारण क्या है।