Chhattisgarh
*मरीजों का शोषण कर, मौत के मुंह मे धकेल केंद्र सरकार की योजना को विफल करके प्रदेश सरकार जन औषधि केंद्रों के स्थान पर धन्वंतरी दवा योजना का ढोंग रच रही : भाजपा, बिलासपुर संभाग के संगठन प्रभारी कृष्ण कुमार राय ने जनऔषधि केंद्रों पर लगते जा रहे ताले के लिए प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा, कहा- योजना को विफल करने का षड्यंत्र रच रही है प्रदेश सरकार……*
Published
3 years agoon
जशपुरनगर। भारतीय जनता पार्टी बिलासपुर संभाग के संगठन प्रभारी कृष्ण कुमार राय ने प्रदेश में सन् 2016 से शुरू हुए जनऔषधि केंद्रों पर लगते जा रहे ताले के लिए प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा है कि महंगी ब्रांडेड दवाइयों से बेहाल लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश में शुरू किए गए कुल 254 जनऔषधि केंद्रों में से 101 केंद्रों का बंद हो जाना इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश सरकार राजनीतिक दुर्भावना के चलते लोगों के स्वास्थ्य और सस्ते इलाज के प्रति पूरी तरह लापरवाह हो चली है और केंद्र सरकार की इस महती योजना को विफल करने के षड्यंत्र पर आमादा है।
कृष्ण कुमार राय ने कहा कि सस्ती जेनेरिक दवाइयाँ मुहैया कराने के लिए शुरू किए गए इन केंद्रों में कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने षड्यंत्रपूर्वक कभी इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया कि इन केंद्रों में कभी पूरी और सस्ती दवाएँ ज़रूरतमंदों को मिल सकें। इन जनऔषधि केंद्रों के लिए प्रदेश सरकार ने न तो भौतिक संसाधन उपलब्ध कराए और न ही इन केंद्रों के काम को प्रोत्साहित किया।
आगे श्री राय ने कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध इस प्रदेश सरकार की रग-रग में इस क़दर समा गया है कि केंद्र सरकार की योजना को विफल करके प्रदेश सरकार केंद्र सरकार की योजना के स्थान पर धन्वंतरी दवा योजना खोलने की कोशिशों में लगी है। एक अच्छी-भली चलती योजना को तो प्रदेश सरकार सम्हाल नहीं पा रही है और झूठा श्रेय लूटने की फ़िराक़ में नई-नई योजनाओं के नाम पर अपने पाखण्ड का शर्मनाक प्रदर्शन करने में लगी है। उन्होंने कहा कि यहां यह बताना भी सामयिक होगा कि राज्य सरकार धन्वंतरी योजना के तहत दवाई में 50% छूट देने का वादा कर रही है जबकि केंद्र द्वारा संचालित जन औषधि केंद्र में आज भी मरीजों को दवाई 70 से 80% छूट पर मिल रही है। डॉ. चोपड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार और कांग्रेस में विचारशील नेतृत्व पूरी तरह आइसोलेट हो चला है, जो अपनी कोई मौलिक जनकल्याणकारी योजना पर विचार करे और उस पर काम करे। सिवाय केंद्र सरकार को अकारण कोसते रहने की नियति के लिए अभिशप्त प्रदेश सरकार और कांग्रेस आख़िरकार केंद्र सरकार की ही योजनाओं को राजनीतिक प्रतिशोधवश बंद करने या फिर उन्हीं योजनाओं को नया नाम देकर चलाने के इस प्रदेश सरकार ने कोई काम नहीं किया है। केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना इसका प्रमाण है, जिसे प्रदेश सरकार युनिवर्सल हेल्थ स्कीम नाम देकर चलाने का प्रयत्न की थी। राज्य कि कांग्रेस सरकार ने दावा किया था कि आयुष्मान योजना की जगह यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम से हम छत्तीसगढ़ की जनता को लाभ दिखाएं दिलाएंगे परंतु अंततः सरकार की यह योजना फेल हो गई और आज भी छत्तीसगढ़ की जनता आयुष्मान भारत योजना से लाभ प्राप्त कर रही है
आगे श्री राय ने कहा कि केंद्र सरकार की स्पष्ट गाइडलाइन के बावज़ूद प्रदेश के सरकारी और ग़ैर-सरकारी डॉक्टर्स दवाओं का फ़ार्मूला लिखकर मरीजों को नहीं दे रहे हैं। प्रदेश सरकार को जेनेरिक दवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी डॉक्टर्स को फ़ार्मूला लिखने के लिए बाध्य करना चाहिए था और इसी तरह निजी स्वास्थ्य संस्थानों व उनके डॉक्टर्स के लिए ऐसी गाइडलाइन तय करना था कि जेनेरिक दवाओं का लाभ मरीजों को मिल सके। लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रदेश सरकार ब्रांडेड कंपनियों की महंगी दवाओं की ख़पत बढ़ाने और केंद्र सरकार की योजना को विफल करने के मिले-जुले साजिशाना एजेंडे पर काम कर मरीजों को अर्थिक चोट सहने के लिए विवश कर रही है।
कृष्ण कुमार राय ने कहा कि पूरे प्रदेश में लगभग 101 जनऔषधि केंद्रों का लगातार बंद होना प्रदेश सरकार के जन-स्वास्थ्य के प्रति दुराग्रह और कमीशनखोरी की तस्दीक करने के लिए पर्याप्त है। कोरोना काल में भी प्रदेश सरकार के इसी नाकारापन के चलते कोरोना पीड़ितों को दवाओं की कालाबाज़ारी और कृत्रिम संकट के चलते काफ़ी परेशानी उठानी पड़ी थी और बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं ने कई लोगों को असमय मौत के मुँह में धकेला था।