Jashpur
*ब्रेकिंग:- मनोरा जनपद के इस पंचायत में भ्रष्टाचार का हो रहा नंगा नाच, लामबन्द ग्रामीणों का आरोप कि गरीबों के चावल भी छीन लिए जा रहे, हितग्राहियों के राशन लेकर प्रवासी मजदूरों को दे दिया और निःशुल्क राशन के भी लिए गए पैसे, यहां नियत मूल्य से अधिक पैसों में मिलता है राशन, एसडीएम भी………*
Published
3 years agoon
By
Rakesh Gupta
आस्ता/जशपुर। जशपुर जिले के मनोरा जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत हर्रि में सरपंच और सरपंच के पति पर ग्रामीणों ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। सबसे बड़ा आरोप यहां गरीबों को मिलने वाले राशन को लेकर लगाया गया है कि यहां के पूरे राशन का बंदरबांट किया जाता है।
ग्रामीणों ने बताया कि जशपुर जिले के मनोरा ब्लाक के ग्राम पंचायत हर्रि सरपंच के पति द्वारा शासकीय राशन को बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की जा रही है। पुरे मामले को लेकर दिनांक 22/09/ 2021 को ग्राम पंचायत के निवासियों ने सरपंच के विरुद्ध पंचनामा बनाकर कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी के पास आवेदन दिया। इस पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हुई है। एसडीएम को ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने आवेदन में कहा गया है कि ग्राम पंचायत हर्रि के सरपंच पति बेंजामिन कुजूर पिता ज्योति प्रकाश कुजूर ने ग्राम पंचायत के राशन वितरण में गड़बड़ी किया है जिसके कारण हितग्राहियों को सही राशन नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि सारी समस्याएं 6 बिन्दुओ पर बताने के बाद भी एसडीएम के द्वारा गरीबों के हित मे कोई कार्यवाही नहीं की गई।
यह है ग्रामीणों की समस्या:-
1, कोरोना के काल के समय प्रवासी मजदूरों के लिए राशन को हितग्राहियों के राशन कार्ड से काटकर राशन दिया गया है
2, मई और जून का अतिरिक्त चावल निशुल्क वितरण करने का आदेश था पर हितग्राहियों से पैसे लेकर राशन वितरण किया गया है।
3, फरवरी 2020 से लेकर अब तक शक्कर की कीमत को 17रु. से बढ़ाकर ₹20 लिया गया है।
4, ग्राम पंचायत के सरपंच श्रीमती सीमा कुजूर की जगह कोई भी कागजात में उसका पति बेंजामिन कुजूर सील और साइन करता है।
5, ग्राम पंचायत हर्रि में गोठान का निर्माण किया गया पर जब समिति का गठन होना था उस वक्त सरपंच के पति ने गोपनीय तरीके से अपने ही खास लोगों का समिति गठन किया और जब गोठान परिसर पर कार्य किए गए राशि अभी तक मजदूरों की भुगतान नहीं हुई है और अब तक 1 वर्ष 4 माह हो चुका है।
6, बड़े और ज्यादा सदस्य वाले परिवार वालों में से 2 राशन कार्ड में से एक 1-1 किलो चना व शक्कर का वितरण काटकर वितरण किया गया है ।
जब गांव वाले इसकी जानकारी बड़े अधिकारियों को दी पर अभी तक कुछ भी सुनवाई नहीं हुई है और ना ही कोई कार्यवाही हुई है।