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*watch video:- शाम को अर्ध्य देकर घर नहीं लौटी दो व्रती महिलाएं, जशपुर के बांकी नदी में दिखा आस्था का अद्भुत नजारा, व्रती महिलाओं ने कोहरे और कड़कड़ाती ठंड में पूरी रात नदी पर की आराधना और छठी मैया के नाम अखण्ड जलाती रहीं आस्था के दीप, 15 साल से ऐसे ही करती आ रही हैं व्रत, सूर्योदय पर दिया सुबह का अर्ध्य……देखिये वीडियो….*
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3 years agoon
जशपुरनगर।आस्था का अदभुत पर्व मनाने जशपुर की दो महिलाओं कि श्रद्धा बीती रात देखने को मिली, जहां सारे व्रती शाम के अर्ध्य के बाद घर लौट आए और तड़के फिर से जाकर छठ घाट पर पूजा आराधना की गई। वहीं जशपुर की दो महिलाओं ने नगर के किनारे स्थित बांकी नदी में पूरी रात कड़कते ठंड और कोहरे के बीच बिताया और दीप प्रज्वलित कर नदी के किनारे पर सूर्योदय का इंतजार करते हुए सुबह अनुष्ठान पूरा की। व्रती महिलाओं ने बताया कि वह पिछले 15 साल से छठ पर पूरी रात नदी में ही रह कर अनुष्ठान पूरा करती आ रही हैं।
जशपुर की कालेज रोड निवासी लीलावती प्रजापति 35 वर्ष ने बताया कि 2005 से उन्होंने यह अनुष्ठान प्रारंभ किया था और पिछले 15 साल से वह नदी में ही सूर्योदय का इंतजार करती है और शाम के अर्ध्य के बाद नदी पर ही रहकर सुबह का अर्ध्य देने के बाद घर जाती हैं। जशपुर से पहले वे बलरामपुर में यह व्रत करती थी और जशपुर आने के बाद यहां भी उसी परंपरा का निर्वहन कर रही हैं। लीलावती का साथ देने के लिए अम्बिकापुर से उनकी बहन
फूलकुमारी प्रजापति 45 वर्ष भी आई हुईं हैं और वह भी व्रत करते हुए नदी पर ही जागरण कर रही हैं।
दोनों व्रतियों ने बताया कि छठ पर्व पर उनकी अटूट आस्था है और उनका मानना है कि अगर आज उनका परिवार सुखी संपन्न जीवन व्यतीत कर रहा है तो वह छठ पूजा का ही परिणाम है जिनके कारण आज उनका परिवार खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहा है। इस कार्य मे लीलावती के पति मंगलेस्वर प्रजापति भी उनकी मदद कर रहे हैं। वहीं नहर के उत्साही युवा मोनू साहू को जब यह जानकारी मिली तो मोनू साहू व्रतियों का मनोबल बढ़ाने नदी पर पहुंचे और पास में अलाव व रोशनी की पहल की। साथ ही अनुष्ठान को पूरा करने व्रतियों को सम्बल प्रदान किया।
व्रती लीलावती ने लोगों से अपील की है कि छठ पर्व को ईसी उत्साह के साथ मनाएं और पूरी रात यथासंभव नदी पर ही बिताते हुए धार्मिक वातावरण निर्मित किया जाए तो इस पर्व के प्रति लोगों का उत्साह और बढ़ेगा।