जशपुरनगर,ग्राउंड जीरो ई न्यूज। जिले में समाज सेवा के क्षेत्र में नई इबारत लिखने वाली संस्था संवेदना समूह के सदस्य राजेश जैन ने अपनी दिवंगत माता स्वर्गीय श्रीमती जनकरानी को उनकी 14 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर,देहदान का संकल्प लेकर अनोखी श्रद्वाजंलि दी है। इतना ही नहीं,मां की आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए इस बेटे ने 65 वर्षीय अनजान माँ को रक्त दान भी किया। देह और रक्तदान करने के बाद उन्होनें लोगों से अपील किया है कि जीवन मे एक वार निःस्वार्थ रूप से अवश्य रक्तदान करे ताकि भविष्य में कभी आपको स्वयं या आपके स्वजनों को रक्त की जरूरत पड़े तो लोग,सहायता के स्वत: ही हाथ बढ़ाएं । ज्ञात हो कि राजेश जैन जिला पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन में कर्मयोगी की भांति समर्पण से कार्य करते है। सदैव समाज सेवा कार्य के लिए समर्पित रहते है। कोविड 19 संक्रमण के दौरान इनकी 3 वर्षीय बेटी रिद्धि ने जिले के तात्कालिन कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर को अपना गुल्लक दान देकर लोगो को कोविड 19 संक्रमण की विषम परिस्थिति में सहयोग हेतु प्रेरित किया था। 3 माह पूर्व अपने बेटे के अन्नप्रासन के समय शासकीय अस्पताल जशपुर के पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कुपोषित 20 बच्चों को पोषण आहार परिवार सहित कराया ततपश्चात अपने बेटे का अन्नप्रासन कराया जिसका उद्देश्य भी जशपुर और छत्तीशगढ़ से कुपोषण को हटाकर गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ सुपोषित छत्तीसगढ़ के सपने को साकार करने के लिए योगदान देने की अपील की है।
विभिन्न समूह से जुड़कर जिले में सामाजिक जीवन से जुड़े सरोकार कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने बताया कि रक्त दान से कोई शारीरिक कमजोरी नही आती, शरीर मे रक्त की कोई कमी नही होती वल्कि शरीर आवश्यकता अनुरूप स्वयं शेल निर्माण कर लेता है।
इंसान को सदैव इंसानियत को याद रखना चाहिए , रक्त ही है देश प्रेम मिट्टी प्रेम और अपनत्व को दर्शाता है। हम देश के लिए शहीद नही हो सकते लेकिन देश को एनीमिया से मुक्त तो बना सकते है मेरी तो यही इच्छा है कि
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।
इच्छा – बस मेरे जीवन का यही लक्ष्य की मेरा सम्पूर्ण जीवन परहित के कार्य मे लग जाये,देह दान करने का है संकल्प इन्होने लिया है। राजेश जैन जहाँ एक ओर स्वच्छता कार्यकर्ता है तो वही दूसरे और कविताओं को लिखना पढ़ना के संगीत संगीत प्रेमी भी है। इन्होंने समाज मे फैली कुरीतियों , भ्रंतियो जल संरक्षण, जल संवर्धन, वृक्षारोपण, स्वच्छता पर कविता की रचना की है ।
