जशपुरनगर। चर्च से अपने पुरखों की जमीन को वापस पाने के लिए तीस साल से संघर्ष् कर रहे क्लेमेंट लकड़ा की सहायता के लिए जनजातिय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत की पहल पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातिय आयोग आगे आया है। गणेश राम भगत के पत्र को संज्ञान में लेते हुए आयोग ने छत्तीसगढ़ के राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव और कलेक्टर जशपुर को नोटिस जारी कर मामले में 7 दिन के अंदर जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। गणेश राम भगत ने बताया कि जिले के दुलदुला निवासी क्लेमेंट लकड़ा ने उन्हें दिए गए पत्र में बताया है कि उनके पिता दिवंगत भादे उर्फ बसील से सन 1962 में रायगढ़ और अंबिकापुर धर्मप्रांत के तात्कालिन बिशप स्तानिसलास ने चर्च निर्माण के लिए 4.046 हेक्टेयर जमीन यह वायदा करते हुए लिया था कि उनके परिवार को नि:शुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा। क्लेमेंट के मुताबिक उनके पिता अनपढ़ थे। इसलिए वे न तो जमीन की कीमत को सही तरीके से समझ पाएं और ना ही बिशप की बातों को। क्लेमेंट का आरोप है कि इसी तरह बरगला कर,उनके परिवार का मतांतरण भी करा दिया गया था। इस मामले में उस वक्त नया मोड़ आया जब एसडीओ कुनकुरी ने मामले में धारा 170(ख) के तहत अनावेदकगणों को प्रकरण दर्ज कर नोटिश जारी किया।दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद वर्ष 2006 में राजस्व न्यायालय ने क्लेमेंट लकड़ा के पक्ष में निर्णय पारित करते हुए,चर्च को मुआवजा,सोलेसियम और 12 प्रतिशत ब्याज सहित 2 लाख 63 हजार रूपए और खाली जमीन को वापस करने को कहा। न्यायालय ने दुलदुला के तहसीलदार को 15 दिन के अंदर,आदेश का पालन कराने का निर्देश भी दिया था। लेकिन अनावेदकों द्वारा अपील में चले जाने की वजह से मामला लंबित हो गया। इस बीच एसडीएम न्यायालय के साथ कलेक्टर,कमीश्नर सहित सभी न्यायालय ने अनावेदकों की अपील खारिज कर दिया। बावजूद इसके क्लेमेंट को न तो अब तक जमीन का मुआवजा मिल पाया है और न ही खाली जमीन का स्वामित्व। इसके लिए उन्होनें जनजातिय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक हिन्दूवादी आदिवासी नेता गणेश राम भगत से सहायता के लिए निवेदन किया था। जिसके बाद राष्ट्रीय जनजाति आयोग को गणेश राम भगत ने पत्र लिख कर जानकारी दी थी।वहीं,जनजाती आयोग की कार्रवाई पर संतोष व्यक्त करते हुए गणेश राम भगत ने उम्मीद जताई है कि अब क्लेमेंट लकड़ा को न्याय मिल सकेगा।

वहीं,इस संबंध में दुलदुला चर्चा के फादर वाल्टर किस्पोट्टा का कहना है कि मामला बहुत पुराना होने के कारण पूरी तरह से उनकी जानकारी में नहीं हैं। लेकिन उन्होनें क्लेमेंट लकड़ा द्वारा लगाएं जा रहे तमाम आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि चर्च निर्माण के दौरान जो भी वायदा किया गया था,उसे पूरी तरह से पूरा किया जा रहा है।
वहीं कलेक्टर रितेश अग्रवाल का कहना है कि अभी आयोग की नोटिस उन्हें अधिकृत रूप से नहीं मिली है। नोटिस मिलने के बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता है।
