Jashpur
*सरोकार:- जिम्मेदारी से लोग भागते हैं लेकिन इन शिक्षकों ने ढूंढ कर ली जिम्मेदारी, आश्रम शाला बन्द रहने पर दूसरे स्कूलों में जाकर जलाया ज्ञान का दीप, समय नहीं गंवाया ढूंढकर दूसरे स्कूलों में भी बच्चों को पढ़ाया, पढ़िये आदर्श शिक्षकों की कहानी…….*
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3 years agoon
जशपुरनगर। मार्च 2020 से कोरोना वायरस के चलते अगर सबसे बुरा प्रभाव जिनपर पड़ा है, उसमें शिक्षा व्यवस्था भी प्रथम पंक्ति में शामिल है। बच्चों को इस महामारी के चलते बहुत भारी नुकसान उठाना पड़ा है, जिसका असर जगजाहिर है।
कितनी भी बाधाएं हों, अगर कुछ कर गुजरने की चाहत है तो बाधाएं हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। ऐसे ही कहावत को चरितार्थ करते हुए मोहल्ला क्लास, ऑनलाइन शिक्षा, टीवी ल देखहीं लईका मन पढ़हीं, मोटरसाइकिल गुरुजी आदि माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने के मामले में पूरे छत्तीसगढ़ में जशपुर विकासखंड ने अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है।
नित नए नवाचारों की इस कड़ी में एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं जशपुर विकासखंड के आश्रम प्राथमिक शाला किनकेल के शिक्षक अनिल कुमार तिग्गा और श्रीमती कांति तिर्की। विकास खंड शिक्षा अधिकारी एम. जेड. यू. सिद्दीकी एवं शैक्षिक समन्वयक सत्यम सिंह नायक के उत्साहवर्धन से दोनों शिक्षकों ने अन्य संस्था के बच्चों को विगत वर्ष मोहल्ला क्लास के माध्यम से शिक्षा प्रदान किया। वर्तमान में 2 अगस्त से 50% उपस्थिति के साथ समस्त प्राथमिक शालाओं के संचालन हेतु शासन ने आदेश जारी किया, परंतु छात्रावास व आश्रम शालाओं को खोले जाने हेतु आदेश नहीं होने के कारण ऐसी संस्थाएं बंद हैं। अपने संस्था में बच्चे नहीं होने के वजह से दोनों शिक्षक आज भी स्वेच्छा से अन्य शाला में जाकर अध्यापन कार्य कर रहे हैं।
प्रतिदिन अनिल कुमार तिग्गा प्राथमिक शाला केरे में और श्रीमती कांति तिर्की प्राथमिक शाला पाकरटोली में उपस्थित होकर वहां के बच्चों को रोज पढ़ाकर एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। उनके इस प्रशंसनीय कार्य के लिए विकास खंड शिक्षा अधिकारी एवं शैक्षिक समन्वयक ने उनकी सराहना कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।