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*बस्तर नारायणपुर के धर्मांतरण मुद्दे की घटना के बाद प्रदेश में बढ़ी सामाजिक विद्वेष, जनजाति सुरक्षा मंच पूरे प्रदेश में कर रहा विरोध प्रदर्शन,जशपुर के बाद अब इस जगह में जुटे हिन्दू समाज के तमाम संगठन,धर्मांतरण को लेकर बनाना होगा कड़ा कानून….पढिये पूरी खबर*

 

जशपुर/बगीचा:- छतीसगढ़ प्रदेश इन दिनों धर्मांतरण मुद्दे की आग में झुलस रहा है।बीते 1 जनवरी को बस्तर नारायणपुर क्षेत्र में धर्मांतरण मुद्दे पर दो समुदाय के बीच छिड़ा जंग अब पूरे प्रदेश में साम्प्रदायिक सौहादर्य बिगाड़ रहा है।पक्ष विपक्ष दोनों इस मुद्दे पर आपस मे भीड़ गये हैं।आपको बता दें कि बीते दिन इसी मुद्दे पर जशपुर में अखिल भारतीय जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक प्रदेश के कद्दावर आदिबासी नेता गणेश राम भगत के नेतृत्व में हजारों आदिवासियों के साथ सड़क में उतर कर विरोध दर्ज कराया और राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया और वहीं से श्री भगत ने कार्यवाही नही होने पर पूरे प्रदेश में आंदोलन करने की चेतावनी भी दिया था।

वहीँ अब बताया जा रहा है कि जशपुर जिले के बगीचा में हिन्दू समाज के तमाम संगठन जनजाति सुरक्षा मंच,राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ,विश्व हिंदू परिषद,बजरंग दल,भारतीय जनता पार्टी के दर्जनों प्रमुख कार्यकर्ता एक जुट हो कर बगीचा एसडीएम को इसी मुद्दे पर ज्ञापन सौंपा और धर्मांतरण पर रोक लगाने की मांग की गई।इस विरोध प्रदर्शन में प्रमुख रूप से जनजाति सुरक्षा मंच के जिला उपाध्यक्ष चंद्रदेव ग्वाला,हरिराम नागवंशी ब्लाक अध्यक्ष बगीचा,सुखलाल यादव,अनिल भगत,अमर भगत,टंकेश्वर राजवाड़े,रामलाल यादव,विनय यादव,जंतु राम,भगवानु यादव ,जिला पंचायत सदस्य गेंदबिहारी सिंह, अ.ज.जा. जिला अध्यक्ष ललित नागेश, सुमित्रा बाई, कल्याण आश्रम से नेतराम बनवासी, बनकुवर ,विश्व हिंदू परिसद से देवेंद्र मिश्रा,झरी सिंह, अर्जुन नागदेव ,मोहन चौहान, भाजपा जिला महामंत्री मुकेश शर्मा,उपाध्यक्ष शंकर गुप्ता, हरीश आरिक, केसव यादव, भगवानु यादव मौजूद थे।

*पढिये एसडीएम को दिए गये ज्ञापन में क्या कुछ किया मांग….*

ज्ञात हो कि हाल में नारायणपुर में धर्मान्तरित ईसाइयों के द्वारा अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में आने वाले नागरिकों पर प्राणघातक हमले किए गए । धर्मान्तरित ईसाइयों के द्वारा की गई यह कोई पहली हिंसक घटना नहीं थी , इससे पूर्व में भी देश – प्रदेश में ऐसी घटनाएं देखी जा चुकी हैं । ईसाइयों के द्वारा की जा रही इस तरह की घटनाओं के परिणामस्वरूप समूचे छत्तीसगढ़ में सामाजिक विद्वेष की स्थिति निर्मित हो चुकी है । धर्म परिवर्तन की बढ़ती घटनाओं ने क्षेत्रीय अस्मिता को भी संकट में डाल दिया है , जिसके कारण अब छत्तीसगढ़ की संस्कृति भी खतरे में है । ईसाइयों के बढ़ते प्रभाव वाले क्षेत्रों में सामुदायिक सौहार्द भी बिगड़ने लगा है और इससे प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अस्थिरता की स्थिति उत्पन्न हो रही है । देश के विभिन्न हिस्सों में हमने यह उदाहरण देखें हैं कि कैसे धर्मान्तरित समूहों की जनसंख्या में अप्रत्याशित वृद्धि ने क्षेत्रीय अशांति , अस्थिरता के साथ – साथ कट्टरपंथ एवं अलगाव की भावना को भी जन्म दिया है । छत्तीसगढ़ में भी अनेक हिस्सों में हुए समाजिक तनाव की स्थितियों ने इस ओर संकेत दिए हैं कि प्रदेश में साम्प्रदायिक एवं कट्टरपंथी शक्तियां अपना विस्तार कर रहीं हैं । छत्तीसगढ़ में मिशनरी समूह के द्वारा जिस प्रकार से हिंदु समाज के लोगों को विभिन्न माध्यमों से धर्मान्तरित किया जा रहा है , इसमें हिंदु समाज को कमजोर करने का योजनाबद्ध षड्यंत्र है । ईसाई मिशनरियों के द्वारा किए जा रहे इन अनैतिक कृत्यों के कारण प्रदेश में सामाजिक वैमनस्यता का स्तर इतना अधिक हो चुका है कि छोटे – छोटे गांवों में भी साम्प्रदायिक हिंसा की घटना देखी जा रही है । प्रदेश में धर्मान्तरित ईसाइयों के बढ़ते प्रभाव के दुष्परिणाम भी दिखाई दे रहें हैं । छत्तीसगढ़ के उत्तर से लेकर दक्षिण तक सामाजिक तनाव की स्थिति निर्मित हो रही है , जिसके कारण समाज को विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है । यह सभी घटनाएं इस ओर संकेत कर रहीं हैं कि यदि समय रहते इन पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो ये घटनाएं केवल छत्तीसगढ़ प्रदेश को ही नहीं , बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर पूरे देश को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेंगी , और इसके दुष्परिणाम पूरे देश के लिए घातक होंगे । अतः हम समाज के लोग आपसे अनुरोध करते हैं कि क्षेत्र में मतांतरण की चल रही तमाम गतिविधियों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए , इसपर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए । साथ ही धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कठोरतम कानून बनाया जाए । यह भी निवेदन है कि धर्मान्तरण की अवैध गतिविधियों में सम्मिलित लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि हम अपने प्रदेश को किसी भी संभावित साम्प्रदायिक हिंसा एवं तनाव में जाने से रोक सके और प्रदेश में शांति एवं स्थिरता बनी रहे ।

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