Jashpur
*आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी मांग को लेकर धरने पर बैठे, धरना स्थल में पहुंच कर डीडीसी सालिक साय ने कहा प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपना चुनावी घोषणा पत्र भूली,इनकी जायज मांग को लेकर कहा इन्हे भी मिले………….*
Published
3 years agoon
By
Rakesh Gupta
कांसाबेल,जशपुरनगर।प्रदेश भर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इन दिनों प्रदेश सरकार द्वारा घोषणा पत्र में रखी मांग पूरी नहीं होने को लेकर एक बार फिर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है,जिससे आंगनबाड़ी केंद्रों से संचालित सभी योजना पूरी तरह से ठप हो गई है।शनिवार को जिले के कांसाबेल तहसील मुख्यालय में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी 8 सूत्रीय मांग को लेकर एक एक दिविसीय हड़ताल पर बैठे हैं।वही धरना स्थल पर क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य सालिक साय पहुंच कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ के मांग को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए उन्होंने उनकी मांग को जल्द पूरा करने की मांग की है।श्री साय ने कहा की प्रदेश में जब बीजेपी की सरकार थी उस समय आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 500 वेतनमान से 6000 रुपए तक उनका वेतनमान को बढ़ाया,लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा घोषणा पत्र जारी कर इनसे वेतनमान बढ़ाने का वादा किया गया लेकिन इन्हें आज तक प्रदेश की कांग्रेस सरकार को ढाई साल बीत जाने के बाद भी चार आने का वेतनमान नहीं बढ़ा पाया।उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कहा की उनकी सभी मांगों को लेकर उनके साथ खड़े हैं,और प्रदेश सरकार को इनकी अभी जायज मांग को तत्काल पूरा करना चाहिए।
इन मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता धरने पर बैठे हैं
1 जीने लायक वेतन कम से कम मध्यप्रदेश जैसा रू. 10,000/- स्वीकृत किया जाये। घोषणा पत्र को पूरा किया जावे।
2.मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी बनाया जाये।
3• सुपरवाइजर के रिक्त पद को शत-प्रतिशत वरिष्ठताक्रम में कार्यकर्ताओं से ही शीघ्र भरा जावे।
4.कार्यकर्ता के रिक्त पदों को सहायिकाओं से ही भरा जावे 25 प्रतिशत के बंधन को समाप्त किया जावे।
.5मासिक पेंशन, ग्रेज्युवेटी, समूह बीमा का लाभ दिया जावे। मोबाईल नेट चार्ज एवं मोबाईल भत्ता दिया जावे, तब तक मोबाईल में कोई कार्य न लिया जावे।
6. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सह निकाओं से सेवा के दरम्यान असामयिक मृत्यु होने पर परिवार के एक सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति दिया जावे।
.7 शिक्षा कर्मियों की तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी शासकीय कर्मचारी घोषित किया जावे।