जशपुरनगर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए कहा है कि यदि किसी बीमा पॉलिसी में नॉमिनी का नाम है तब ऐसी स्थिति में उसे उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने हेतु बीमा कम्पनी बाध्य नहीं कर सकती है ।और बिना उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के नॉमिनी को बीमा की राशि मिल जाएगी ।अब तक बीमा की राशि प्राप्त करने हेतु नॉमिनी को नाकों चने चबाने पड़ते थे ।लेकिन इलाहाबाद उच्च न्यायालय के इस निर्णय से बीमा धारकों को काफी राहत मिल सकेगी ।न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की खंडपीठ ने उक्त निर्णय आजमगढ़ निवासी सविता देवी के द्वारा प्रस्तुत पुर्नविचार याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।विदित हो कि इस मामले में कोर्ट ने नॉमिनी को उनके पति के निधन के बाद 10 लाख की बीमा राशि प्रदाय करने का आदेश दिया था ,जिस पर बीमा कम्पनी ने नॉमिनी से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की मांग की गई थी जिस पर सविता देवी ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी ।