Jashpur
*फूलेता से डूमरबहार सड़क भूमि पूजन पर भाजपा ने स्थानीय विधायक व कांग्रेसी नेताओं पर जमकर साधा निशाना,कहा..केंद्र की योजनाओं का फीता काटकर फर्जी श्रेय लेने में लगे कांग्रेसी,कांग्रेसियो की कठपुतली बन बैठे विभाग को प्रोटोकॉल का ज्ञान नही – जिला उपाध्यक्ष सुनील अग्रवाल..!*
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2 years agoon
पत्थलगांव/जशपुर – पिछले 2 दिन पहले हुए फूलेता से डूमरबहार सड़क के भूमिपूजन पर भाजपा ने विधायक रामपुकार सिंह व स्थानीय कांग्रेस के नेताओ पर जमकर निशाना साधा है भाजपा नेताओं का कहना है कि क्षेत्रीय सांसद गोमती साय की पहल पर केंद्रीय सड़क निधि (CRF) मद से स्वीकृत सड़क का गुपचुप तरीके से भूमिपूजन कर लगातार केंद्रीय योजनाओ का फीता काटकर स्थानीय विधायक व कांग्रेसी नेताओ में फर्जी श्रेय लेने की होड़ लगी हुई है।
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सुनील अग्रवाल ने बताया कि क्षेत्रीय सांसद गोमती साय जी ने करमीटिकरा (फुलेता) से डूमरबहार सड़क को केंद्रीय सड़क निधि (CRF) मद में जोड़कर स्वीकृति देने हेतु नवम्बर 2019 में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी को पत्र व्यवहार कर मांग की थी जिस पर संज्ञान लेते हुए उन्होंने मार्च 2022 में इस सड़क हेतु केंद्रीय सड़क निधि से 51.03 करोड़ की राशि से 20.22 कि.मी. की स्वीकृत दी। और जैसे ही सड़क का टेंडर लगकर काम शुरू हुआ स्थानीय विधायक व कांग्रेसी नेताओं में श्रेय लेने की होड़ लग गई और ये पहला मामला नही है उन्होंने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले 4 साल से कांग्रेस की सरकार है और इस सरकार ने इन 4 सालो में एक भी ऐसी योजना जमीन पर लागू नही की जिसका बखान उनके नेता व कार्यकर्ता जनता के बीच जाकर कर सके इसीलिए लगातार केंद्र में बैठी मोदी सरकार की योजनाओ का फीता काटकर उसे राज्य सरकार की योजना बताकर सिर्फ जनता को ठगाकर श्रेय लेने की ओछी राजनीति में लगे है।
श्री अग्रवाल ने अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि शासन सत्ता पलटते रहती है लेकिन अधिकारियों को निष्पक्ष कार्य करना चाहिए जब PWD के अधिकारियों को सड़क हेतु स्वीकृति पत्र प्राप्त हुआ तो उस पत्र के साथ क्षेत्रीय सांसद गोमती साय जी का केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी जी को लिखा पत्र भी संलग्न प्राप्त हुआ और केंद्रीय मद की राशि के भूमिपूजन में क्षेत्रीय सांसद को याद न करना बहुत बड़ी भूल है जिससे साफ पता चलता है विभागीय अधिकारी कांग्रेसी नेताओं की कठपुतली बन चुके है जिनको प्रोटोकॉल तक का ज्ञान नही है।