Jashpur
*Breking jashpur:-वर्षों पुरानी सभ्यताओं के प्रमाण को दरकिनार,लेकिन मयाली नेचर को बढ़ावा,अपने स्वार्थ साधने विधायक ने किया युवा महोत्सव का आयोजन,मुख्यमंत्री के साथ तमाम मंत्री के बाद भी,मदेश्वर पहाड़ के विस्फोट के बाद युवती की मौत,का जिम्मेदार कौन,जिला प्रशासन या राज्य शासन,जबकि किया था ग्राउंड ज़ीरो ई न्यूज़ ने आगाह…??!*
Published
2 years agoon
जशपुरनगर:- ( सोनू जायसवाल की रिपोर्ट) जशपुर जिले के कुनकुरी विधानसभा के विधायक यूडी मिंज द्वारा मयाली नेचर में विभिन्न प्रकार से कार्यक्रम आयोजित किया गया था.
इसी दौरान माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा मदेश्वर महादेव पर किसी भी प्रकार की अवैध उत्खनन नही होने की बात कही थी.
लेकिन उनके कार्यक्रम के आज दो दिन बाद ही ऐसी घटना घटी जिससे मुख्यमंत्री के साथ ही स्थानीय विधायक सहित जिला प्रशासन के कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है।
जबकि ग्राउंडजीरो ई न्यूज ने आगाह किया था कि प्रशासन को इस मामले पर ध्यान देना चाहिए था.पर वो भी सरकार के आगे नतमस्तक है।
आपको बता दें पिछले दिनों कुनकुरी विधानसभा के मयाली डेम में तीन दिवसीय युवा महोत्सव की धूम थी।जहाँ प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्री गण और स्थानीय विधायक और जिला प्रशासन उत्सव मना रहे थे ,मंच से भूपेश बघेल स्थानीय विधायक के तारीफों की पुल बांध रहे थे ।तभी ग्राउण्ड जीरो ई न्यूज ने आगाह किया था कि जिस जगह शासन और प्रशासन पर्यटन के नाम पर युवा उत्सव मना रहा है उंसके पास ही कई पत्थर खदान रोज ब्लास्टिंग कर न केवल मधेश्वर पहाड़ को निगल रहे हैं बल्कि स्थानीय रहवासियों के लिए भी खतरा बने हुए हैं।और इन पत्थर खदानों को रोकने हेतु शासन प्रशासन के द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है ।सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि कुछ मंत्रीगण तो मधेश्वर पहाड़ के नीचे स्थित सलामी गुफा में जाकर पूजा अर्चना भी किए थे लेकिन दुःखद है कि एक भी मंत्री ने मधेश्वर पहाड़ को लीलने को तैयार उन पत्थर खदानों की ओर आंख उठाकर भी नहीं देखा ।न ही उन ब्लास्टिंग से आसपास रहने वाले लोगो को होने वाले नुकसान को लेकर भी कोई संज्ञान नहीं लिया ।परिणाम स्वरूप आज यह दुःखद घटना घटित हो गई !
सवाल यह उठता है कि रोज हजारों शिकायतें राज्य सरकार और जिला प्रशासन के पास जनता के द्वारा भेजी जाती हैं किंतु उन पर कोई संज्ञान नहीं लिया जाता है लेकिन जब मौके पर पूरी सरकार एक दिन पहले बैठी हो और उनकी आंखों के सामने ऐसे खतरनाक खेल खेले जा रहे हों और उसके बाद भी पूरी सरकार समस्या को नजर अंदाज कर दे तो ऐसी दुःखद घटना होना तो अवश्यम्भावी ही होगा । अब देखना ये होगा कि इस युवती की शहादत से क्या राज्य सरकार और जिला प्रशासन कोई सबक लेता है और राजमार्ग के निकट चल रहे ऐसे पत्थर खदानों को बंद करने हेतु कोई कदम उठता है या नहीं ।