Chhattisgarh
*सरोकार:- 60 लाख लोग अनु.जन जाति को प्राप्त होने वाली संवैधानिक अधिकार के लाभों से हैं वंचित, छ.ग. राज्य के 12 जाति समुदायों को छ.ग. राज्य के अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करने की मांग, मांग को लेकर, भुइयां (भूमिया) पहुचे पूर्व सांसद के पास………..*
Published
3 years agoon
By
Rakesh Gupta
जशपुरनगर। छ.ग. राज्य के सम्बन्ध में भारत के संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत अधिसूचित अनु . जन.जाति ( ST ) सूचि में सम्मिलित करने की मांग को लेकर भुइयां समाज ने पूर्व सांसद रणविजय सिंह जूदेव से मांग की है। अपने आवेदन में में लिखा है कि . छ.ग. राज्य के 12 जाति समुदायों को छ.ग. राज्य के अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करने हेतु छ.ग. शासन रायपुर द्वारा समय – समय पर जनजातिय कार्य मंत्रालय द्वारा भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है I जिसमें मात्रात्मक त्रुटी सहित समावेशन / संशोधन कर सम्मिलित करने हेतु प्रस्तावित किया गया है । जिसका परीक्षण उपरांत भारत के जनगणना महानिदेशक ( RGI ) द्वारा अनुमोदन किया जा चुका है एवं राष्ट्रीय अनु.जन जाति आयोग ( NCST ) भारत सरकार नई दिल्ली की बैठक संख्या 122 दिनांक 11/12/2019 को अनुमोदन छ.ग. राज्य के संबंध में भारत के संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत अधिसूचित अनुसूचित जन जाति ( ST ) की सूची में संशोधन / समावेश कर छ.ग. राज्य में 12 जाति समुदायों को सम्मिलित करने हेतु क्रमशः – ( 1 ) सरल क्रमांक 05 पर भारिया – भूमिया , भुईहर , भूमिया , भारिया , पलिहा , पण्डो के साथ भूईयां , भुईयां , भूईयाँ , भुईयाँ , भूइयां , भुइयां , भूयां , भुयां , भूईया , भुईया , भियां ( 2 ) धनवार ( धनुहार , धनुवार ) , ( 3 ) नगेसिया ( नागासिया ) के समानार्थी किसान . ( 4 ) सौंरा सावर , सवरा , संवरा , ( 5 ) धांगड़ . ( 6 ) बिंझिया . ( 7 ) कोड़ाकू , ( 8 ) कोंध कोंद , ( 9 ) भारिया ( भरिया ) , ( 10 ) पंडो पन्डो पण्डो , ( 11 ) गोंड ( गोड़ ) , ( 12 ) गदबा – उपरोक्त समुदायों का भारत सरकार के द्वारा वर्ष 2019 में प्रस्ताव अनुमोदित किया गया है 1 परन्तु आज पर्यंत जनजाति कार्य मंत्रालय द्वारा विधेयक संसद में प्रस्तुत कर प्रस्ताव स्वीकृति प्रदान नहीं किया गया है । जिसके कारण छ.ग. राज्य के उक्त समुदायों के 50-60 लाख लोग अनु.जन जाति को प्राप्त होने वाली संवैधानिक अधिकार के लाभों से वंचित हैं। साथ ही यह समुदाय शिक्षा , स्वास्थ्य , राजनितिक अधिकारो के लाभ से भी वंचित हो रहे है । ” समुदाय के द्वारा मांग की गई है कि छ.ग. राज्य के अनु . जन जाति के सचि में उक्त समुदयों को समावेश / संशोधन के लिए अविलंब आवश्यक कार्यवाही करने पहल करें।