जशपुरनगर।गरीब आदिवासी और पहाड़ी कोरवा परिवारों को शिक्षा के अधिकार से वंचित करने का प्रयास कर रही है कांग्रेस की सरकार। जनभावना की उपेक्षा कर,बेवजह जिद पर अड़ी सरकार,अब भी रास्ते मे नहीं आती है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।। इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। जनजातिय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत ने आज यह चेतावनी दी। वे शहर के शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी स्वामी आत्मानंद हिंदीं माध्यम उत्कृष्ट स्कूल के विरोध में आयोजित धरना प्रदर्शन में शामिल शहर सहित आसपास के ग्रामीण अंचल से आए लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होनें कहा जिस सरकारी स्कूल का अस्तित्व मिटाने की कोशिश कर रही है,वहां 90 प्रतिशत आदिवासी और पहाड़ी कोरवा जनजाति के बच्चे अध्ययनरत है। इन बच्चों और इनके अभिभावकों से बिना चर्चा और सहमति लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। यह बिल्कुल उचित नहीं है। सामाजिक कार्यकर्ता रविन्द्र वर्मा ने कहा कि सरकार स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी और हिंदी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय संचालित करना चाहती है,तो इसके लिए अलग से भौतिक और मानव संसाधन जुटाना चाहिए। इस तरह पीढ़ियों से संचालित स्कूलों को बंद करना ठीक नहीं है। उन्होनें कहा कि अंग्रेजी माध्यम स्कूल का मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। उम्मीद है,न्यायपालिका से जनता का न्याय जरूर मिलेगा। सामाजिक कार्यकर्ता रामप्रकाश पांडे ने कहा कि पहले अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट स्कूल के नाम पर सरकार,जनता की आवाज को अनसुना कर,मनमानी कर चुकी है। अब हिंदीं माध्यम केनाम पर इसे दोहराया जा रहा है। उन्होनें कहा कि अधिसूचित जिला होने के कारण,यहां के स्थानीय रहवासियों की आवाज को सरकार अनसुना नहीं कर सकती है। बालक हाई स्कूल के उपयोग में सरकार द्वारा किए जा रहे परिवर्तन को रोकने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया गया है। जल्द ही इस न्यायालय,इस पर उचित कदम उठाएगी। राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपनें के साथ ही धरना समाप्त हो गया। जानकारी के लिए बता दें स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय को लेकर जिले में बीते दो साल से विवाद की स्थिति बनी हुई है। इस विवाद की शुरूआत शहर के नवीन आदर्श उच्च्तर माध्यमिक विद्यालय को स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में विकसीत करने के निर्णय के साथ शुरू हुआ था। इस स्कूल में अध्ययनरत छात्रों को जैसे ही स्कूल प्रबंधन ने टीसी थमाया,नाराज छात्र और पालक,विरोध में सड़क में उतर आए थे। स्कूल की तैयारी के निरीक्षण के लिए शहर पहुंचे प्रदेश के शिक्षा सचिव डा आलोक शुक्ला के सामने भी शहरवासियों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था। दबाव में शासन ने हिंदी और अंग्रेजी माध्यम का संचालन साथ में करने की घोषणा कर,मामले को शांत कराया था। दूसरा बड़ा विरोध इन दिनों मनोरा तहसील में चल रहा है। तहसील मुख्यालय मनोरा में एकमात्र सरकारी स्कूल को अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय में परिवर्तित करने से भड़के छात्र और पालक इन दिनों सड़क में उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहें हैं। इन सभी विरोध प्रदर्शन को दरकिनार कर,सरकारी अमला,प्रदेश सरकार के निर्णय को अमलीजामा पहनाने में जुटा हुआ है।