Jashpur
*अपराध : बेखौफ हो रही मवेशियों की तश्करी, नही लग रहा पशुओं की चोरी पर अंकुश, पशुपालकों में भारी आक्रोश, चराई कर रही मवेशियों की हो रही लगातार चोरी, तस्करों के आगे पुलिस हुई बेबस……पढ़िये पूरी खबर….!*
Published
3 years agoon
By
Rakesh Gupta
(सजन बंजारा,मयंक शर्मा की ग्राउण्ड रिपोर्ट)
कोतबा:- जशपुर जिले के ओड़िसा सीमावर्ती क्षेत्रों में बेखौफ होकर पशुओं का खुलेआम तस्करी जारी है। इस कारण पशु तस्करों के लिए कोतबा सुरंगपानी,बागबहार,तुमला थाना क्षेत्र सुरक्षित जोन के रूप में उभरता जा रहा है।तश्करी का आलम यह है कि चराई कर रहे गाय बछिया बैल मवेशियों बकरियों की खुलेआम चोरी कर खदेड़ते हुए ओड़िसा के बाजारों में बेचने का नया सिलसिला जारी है। जिससे पशुपालकों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
चर्चा है प्रतिदिन पशु तस्कर वाहनों में पशुओं को ठूंस कर व जंगलों के रास्तों से हाँकते खदेड़ते ओड़िसा ले जाते हैं। रायगढ़ जिले के चारखापारा मवेशी बाजार बेख़ौफ़ जारी है जहाँ लैलूंगा थाना क्षेत्र से तश्करी कर ओड़िसा के सिंकाजोर मवेशी बाजार ले जाते है जहाँ से भारी मात्रा में गौवंश कत्लखाने ले जाने का गोरखधंधा खूब फलफूल रहा है। विडंबना कि बात है कि पशु तस्करी के खेल को पुलिस रोक नहीं पा रही है। इस कारण पशु तस्करी का धंधा जोरों पर है। जानकारी मिली है कि तस्करी के उद्देश्य से ले जाए जा रहे ये पशु ओड़िसा के रास्ते झारखंड राज्य व बांग्लादेश के कत्लखानों तक पहुंचाए जाते हैं। इसे रोक पाने में पशु क्रूरता समिति भी सोई हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता के कारण पशु तस्करों का मनोबल दिनों दिन काफी बढ़ता जा रहा है। पशु तस्कर कभी मध्य रात्रि में तो कभी सूर्योदय से पहले प्रतिदिन देखे जोते हैं।हद तो अब ये हो गई कि घरों से मवेशियों को चराई के लिए ग्रामीण छोड़ते है और चराई के दौरान तश्कर चोरी कर खदेड़ते हुए बाजार ले जाकर बेच के आ जाते है। जिसके पशुपालक किसानों का जीना दुश्वार हो गया है। कोतबा के किसानों ने कोतबा चौकी प्रभारी को आवेदन देते हुए बताया कि उनकी गाय बछिया 6/2/2022 शाम से अचानक लापता हो गयी है।कोतबा नगर पंचायत क्षेत्र के पशुपालको ने सामूहिक आवेदन दिया है जिसमे कारगिल चौक निवासी सवित नंदन निखाड़े के एक गाय एक बछिया,बंजारा पारा निवासी प्रेम बंजारा की 2 नग गाय,रायगढिया चौक निवासी सुन्दर भुइहर की 1 बछिया,कारगिलचौक निवासी श्रीमती सतम बाई की 1 गाय एक बछिया व बंजारा पारा निवासी निरंजन बंजारा का एक बाछा लापता है काफी खोजबीन के बाद भी अभी तक मवेशियों की जानकारी नही लगी है जिससे पशुपलको को शक है कि इनके मवेशियों की तश्करी कर बदमाशों ने बाजारों में बेच दिया होगा। ऐशे ही कई मामले आए दिन सामने आते रहते है कभी बकरियों की चोरी हो रही है तो कभी पालतू पशुओं गाय बैलों की चोरी व तश्करी खुलेआम जारी है।
*मवेशियों के साथ बकरी तस्करी बेख़ौफ़*
मवेशियों के साथ अब क्षेत्र भर में स्थानीय तस्कर बकरियों का खुलेआम बेख़ौफ़ होकर बाजार पहुंचा रहें है।ये तस्कर पुलिस के नाक के नीचे बाजार पहुंचा रहे है।और पुलिस शिकायत को लेकर हाथ में हाथ पकड़कर बैठी हुई।बिडंबना हैं कि दर्जनों शिकायत मिलने के बाद भी पुलिस कार्यवाही करने से बचती नजर आ रही है।जिसके कारण बकरी पालकों के घरों से तस्कर चोरी कर उड़ीसा के बाजारों में बेच रहें है।लगातार चोरी की घटना घटने के बाद भी इन तस्करों को पुलिस का हस्तक्षेप नही किया जाना कई संदेश को उतपन्न करता है।ये तस्कर गुरुवार को सुबह उड़ीसा के हांड़ीपानी बाजार नगर के मुख्यमार्गों में मोटरसाइकिल और पिकप वाहनों को भरकर ले जाया जा रहा है.और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।
कानून का पालन नहीं
पशुओं की तस्करी रोकने को लेकर सरकार द्वारा कठोर कानून तो बनाया गया है पर अनुपालन नहीं हो रहा है। यहां तस्कर कभी खुले आम दिनदहाड़े रास्तों में हाँकते नजर आते है तो कभी रात के अंधेरे में वाहनों में भर भर के पशु ले जा रहे हैं।
लॉकडाउन के कारण बिक रहे पशु
कोरोना को लेकर पशुपालक औने-पौने दाम पर अपने जानवरों को कसाइयों के हाथ बेचने को मजबूर हैं। इसका भरपूर लाभ उठा रहे हैं। सरकार द्वारा पशु तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए सख्त निर्देश जारी करने के बावजूद ग्रामीण हाट-बाजारों से स्थानीय व्यापारियों के सहयोग से मवेशियों को औने-पौने दाम में खरीदकर तस्कर ओड़िसा बिहार व झारखंड के रास्ते बांगलादेश तक ले जाते हैं। पशु तस्करों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि बिहार झारखंड, ओड़िसा के पशु तस्करों के साथ स्थानीय पशु तस्कर की भी संलिप्तता बताई जा रही है।
वर्शन:- जयसिंह मिर्रे,चौकी प्रभारी कोतबा
मवेशियों के लापता होने संबंधित 5 पशुपलको का आवेदन प्राप्त हुवा है। आवेदन के आधार पर जाँच प्रक्रिया चल रही है।