Jashpur
*छत्तीसगढ़ महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजनांतर्गत कार्यरत कर्मचारियों ने लंबित वेतन भुगतान सहित कई मांग को लेकर पंचायत मंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन………*
Published
3 years agoon
By
Rakesh Gupta
जशपुरनगर।छत्तीसगढ़ महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजनांतर्गत कार्यरत कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांग को लेकर आज पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री टी एस सिंह देव के नाम कलेक्टर रितेश अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा है।नरेगा के कर्मचारियों ने ज्ञापन सौंपकर बताया की उनकी लंबित मांगों के संबंध में राज्य शासन को समय – समय पर ज्ञापन एवं पत्र सौप कर निराकरण करने के संबंध मे अनुरोध किया जाता रहा है, कर्मचारियों ने उनकी मांग को लेकर पूरा नहीं होने को लेकर खेद जाहिर करते हुए कहा है की निराकरण की कार्यवाही नहीं होने के कारण मनरेगा अधिकारी /कर्मचारियों एवं ग्राम रोजगार सहायकों में भारी नाराजगी है।नरेगा के कर्मचारियों ने बताया की उनकी मुख्य मांगे निम्नानुसार हैं : 1. लंबित वेतन भुगतान शीघ्र किया जावे : – छत्तीसगढ़ मनरेगा अधिकारी / कर्मचारी एवं ग्राम रोजगार सहायकों को विगत 04 माह से अधिक हो जाने के पश्चात् भी वेतन भुगतान नहीं हुआ है , जिसके कारण आजीविका चलाने में समस्या आ रही है । 2. समय पर वेतन भुगतान हेतु राज्य स्तर पर निगरानी सिस्टम बनाई जाऐ : – मनरेगा कर्मीयों का वेतन लंबित न हो , जिसके लिए राज्य स्तर पर निगरानी सिस्टम तैयार किया जाऐ एवं वेतन विलंबन के लिए जिम्मेदार अधिकारी / कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु समुचित आदेशित किया जाऐ साथ ही साथ वेतन भुगतान संबंधी समय – समय पर समीक्षा किया जाऐ । 3. प्रतिवर्ष गोपनीय प्रतिवेदन के आधार पर सेवा वृद्धि : – प्रतिवर्ष 28 फरवरी तक के लिए मनरेगा अधिकारी कर्मी एवं ग्राम रोजगार सहायकों की सेवा वृद्धि की जाती है । लेकिन विभिन्न जिलों मे सालभर भी सेवा वृद्धि नहीं की जा रही है या विलम्ब से सेवा वृद्धि की जाती है , इस प्रकार बिना सेवा वृद्धि के मनरेगा मे कार्य कराया जा रहा है । जो कि संविदा भर्ती नियम 2012 के विरूद्ध है । जिसके लिए मॉनिटरिंग की कोई व्यवस्था नहीं है । गोपनीय प्रतिवेदन / सेवा वृद्धि विलंबन के लिए जिम्मेदार अधिकारी / कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु समुचित आदेशित क ही साथ सेवा वृद्धि संबंधी समय – समय पर समीक्षा किया जाऐ । 4. ईपीएफ . भुगतान के संबंध में : – वित्तीय वर्ष 2015-16 से अब तक विभिन्न जिलों में ईपीफए संबंधी कटौती पूर्ण नहीं हुआ है , जिसका समाधान किया जावे ।