*जेंडर असमानता राष्ट्र के विकास में बाधक : डॉ. रक्षित, कैसे? यह जानने के लिए पढ़ें ये ख़बर…..*

 

जशपुरनगर. यहां के शासकीय राम भजन राय एनईएस स्नातकोत्तर महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं रेड रिबन क्लब के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव अंतर्गत राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष पर “वर्तमान समय में बालिकाओं को सशक्त एवं जागरूक बनाने की आवश्यकता” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। यह आयोजन गूगल मीट के ऑनलाइन माध्यम से किया गया। आज के इस सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विजय कुमार रक्षित एवं रिसोर्स के रूप में उपस्थित डा. अनिल कुमार श्रीवास्तव (प्राध्यापक राजनीति विभाग ) का स्वागत करते हुए सर्वप्रथम कार्यक्रम अधिकारी प्रवीण सतपथी ने कार्यक्रम की रूपरेखा रखी। तत्पश्चात स्वयंसेविका नीतू बाई ने लक्ष्य गीत का गायन किया।
स्वयंसेवको को संबोधित करते हुए प्राचार्य ने बताया कि महाविद्यालय में बालिकाओं की संख्या छात्रों से अधिक है। आज बेटियां समाज में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। फिर भी उन्हें और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता है। रासेयो के महत्वों को बताते हुए कहा कि आज छात्राएं राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से जागरूक हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि समाज में व्याप्त महिला और पुरुषों के बीच की खाइयों को दूर करना होगा अब वो समय आ गया है जब जेंडर समानता को प्रोत्साहित करना होगा। राष्ट्र के विकास में इसकी असमानता बाधक है। इस दिवस को मनाने से समाज में व्याप्त भेदभाव को दूर करने में सहायता मिलती है। डॉ श्रीवास्तव ने मुख्य वक्ता के रूप अपने विचार प्रकट करते हुए बालिकाओं के संदर्भ में वैदिक काल से लेकर वर्तमान संवैधानिक अधिकारों की चर्चा की । सरकार के द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी साथ ही बेटियों को अब अबला नहीं सबला बताया परंतु समाज में व्याप्त कुरीतियां कई अवसरों पर बालिकाओं को सबल बनने से रोकती हैं,अतः कानूनी रूप से उन्हें और अधिक सबल व सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि बालिकाओं को अपने अधिकार जानने से आत्मविश्वास बढ़ता है। उन्होंने भ्रूण हत्या पर भी अपने विचार रखेl आज इस संगोष्ठी में सत्यपाल सिंह, नीतू बाई, कुमारी सागरिका भारती पाठक, उर्मिला कुमारी ने भी अपने विचार रखे।

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