*प्रशासन के सामने सैकड़ों लोग तोड़ते रहे गरीब का आशियाना…. पीड़तों ने लगाया पुलिस और विधायक पर गम्भीर आरोप…कहा स्थानीय विधायक की शह पर दूसरे गांव से आकर आरोपियों ने न केवल घर तोड़ा बल्कि घर मे रखे 20 हजार रुपये और कई मंहगे सामान चुराकर ले गए…. टांगी ,कोड़ी से किया जान लेवा हमला और पुलिस ने अज्ञात आरोपी के विरुध्द दर्ज किया सामान्य मामला…उधर पड़हा समाज के अगुवाओं ने कहा समाज की भूमि पर किया था अतिक्रमण हमने प्रशासन को पहले ही दिया था अल्टीमेटम….*

 

जशपुर/सन्ना,गाउंड जीरो ई न्यूज। सन्ना थाना क्षेत्र के भादू पटकोना गांव में हुई घटना के बाद से बुरी तरह सहमे हुए परिवार ने न्याय और सुरक्षा की गुहार एसपी से लगाई है। एसपी से की गई शिकायत में पीड़ित परिवार ने प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में मारपीट और बदसलूकी करने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़ितों ने एसपी को दिए गए आवेदन में बताया कि विवादित जमीन पर एक समाज विशेष के लिए विधायक मद से स्वीकृत सामुदायिक भवन का निर्माण किए जाने के बाद स्थिति बिगड़ी और भीड़ ने उन पर हमला कर दिया था। पीड़ितों का आरोप है कि भीड़ ने उनके घर को तोड़ कर,घरेलू समान को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। घटना के बाद से घर में कृषि कार्य के लिए रखे हुए 20 हजार रूपए भी गायब हैं। पीड़ितों ने मिडिया को दिए गए बयान में सन्ना पुलिस पर विधायक विनय भगत की राजनीतिक दबाव में नामजद अपराध दर्ज न करने का गंभीर आरोप लगाया है। जानकारी के लिए बता दें कि तीन दिन पूर्व हुई घटना के बाद से पीड़ित परिवार न्याय के लिए दर दर की ठोकर खा रहा है,लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है। सवाल यह है कि सामुदायिक भवन के लिए नियम कानून को ताक में रख कर गुंडागर्दी करने वाले आरोपितों तक कानून के हाथ क्यों नहीं पहुंच पा रहा है?

हम आपको बता दें कि जशपुर जिले के सन्ना क्षेत्र में अब तक कई व्यक्तियों के मकान को दबंगों के द्वारा तोड़ने की गम्भीर शिकायतें आ चुकी है।परन्तु एक मामले को छोड़ कर बाकियों पर कोई कार्यवाही होती नही दिखी है।वहीं अब जो भादु गांव में मकान तोड़ने की बातें आयी है उसमें भी पीड़ित परिवार अपनी आवेदन लेकर दर दर भटक रही है।पढिये पीड़ित परिवार ने अब जशपुर पुलिस अधीक्षक को आवेदन में आखिर क्या लिखा है।

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इधर अब पड़हा समाज के अगुवा नेता दिलकुमार भगत से जब हमने चर्चा किया तो उन्होंने कहा कि जिस भूमि में मकान बनाया गया था वह समाज के लिए पूरे समाज के द्वारा पूर्व में ही आरक्षित किया गया था फिर भी उक्त भूमि में जबरन कब्जा करके मकान बना दिया था वही इस मामले की शिकायत और बने मकान को जल्द हटाने का हमने पूर्व में ही तहसीलदार को आवेदन दे दिया था परन्तु प्रशासन के द्वारा नही हटाया गया।जिसके कारण ऐसी घटना घटी है।

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