Uncategorized
*छत्तीसगढ़ में उपेक्षित हो रहे बंजारा समाज को आदिवासी वर्ग में शामिल करने किया गया आग्रह, अन्य राज्यों में आदिवासी वर्ग में शामिल हैं बंजारा समाज, जब आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेल्ल्या नायक आदिवासी नृत्य महोत्सव में बतौर अथिति पहुंचे…*
Published
3 years agoon
कोतबा(छत्तीसगढ़):-ऑल इंडिया बंजारा सेवा संघ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेल्ल्या नायक जी हैदराबाद आंध्रप्रदेश को राष्ट्रीय जनजाति नृत्य छत्तीसगढ़ महोत्सव में अतिथि बनकर आने पर ऑल इंडिया बंजारा सेवा संघ छतीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष सदाशिव राम नायक जी के नेतृत्व में छतीसगढ़ युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अजय नायक,प्रदेश महासचिव विष्णु नायक,प्रदेश महामंत्री मनोज मुछावड, प्रदेश कोषाध्यक्ष गुलाब नायक,सह कार्यालय प्रभारी,नवनीत लाहौरिया,कार्यकारणी सदस्य दिलीप नायक,सुरेश राठौर के साथ छत्तीसगढ़ के खाद्य और केबिनेट मंत्री अमरजीत भगत के निवास सरगुजा कुटीर में गुलदस्ता भेंटकर आत्मीय स्वागत किया गया. इस दौरान सामाजिक पदाधिकारियों ने अतिथि के रूप में पहुँचे श्री बेल्ल्या नायक जी से समाजिक चर्चा करते हुए छतीसगढ़ बंजारा समाज को भी आदिवासी का दर्जा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी से चर्चा करने को कहा गया। इसके साथ ही खाद्य व केबिनेट मंत्री अमरजीत भगत जी से सौजन्य मुलाकात करते हुये सामाजिक गतिविधियों के बारे में विस्तृत चर्चा कर उन्हें छत्तीसगढ़ में उपेक्षित हो रहे बंजारा समाज को आदिवासी वर्ग में शामिल किये जाने का आग्रह किया गया।
उल्लेखनीय है कि बार बार बंजारा समाज के लोगों द्वारा यह बहुप्रतीक्षित मांग उठाई जाती रही है कि पूरे देश का एक संविधान है.जहां सभी को समान अधिकार प्राप्त है.लेकिन बंजारा समाज ही एक ऐसा है.जिन्हें भारत के अलग अलग राज्यों में अगल अलग दर्जा प्राप्त है।जबकि बंजारा समाज के एक चोली एक बोली और एक रीतिरिवाज और परंपरा देश के विभिन्न राज्यों में रहने के बाद भी कायम है.और इसे मजबूत करने के लिये समाज के लोगों को संगठित करती आ रही है।
विदित हो कि अभी छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में पधारे आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वे भी बंजारा समाज से है.वे हैदराबाद आंध्रप्रदेश से है.मतलब आंध्रप्रदेश,उड़ीसा,सहित अन्य राज्यों में इसी बंजारा जाती को आदिवासी वर्ग में लिया जाता है.परन्तु मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, सहित विभिन्न राज्यों में इन जातियों को अन्य पिछड़ावर्ग में लिया जाता है.छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष श्री सदाशिव राम नायक जी ने कहा कि केंद्र से लेकर राज्य तक इस आरक्षण की मांग को लेकर समाज के लोग हमेशा प्रयासरत है.तो सरकार को इस दिशा में न्यायसंगत देखते हुये अतिशीघ्र आदिवासी आरक्षण देने की आवश्यकता है।