रायपुर। महिला सशक्तिकरण में पुरुष और महिलाओं का योगदान जरूरी इसी संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्सेस वर्ल्ड वन की संस्था पिका क्वीन नादिया हरी हरी फ्रांस से उन्होंने एक अंतरराष्ट्रीय वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें छत्तीसगढ़ की रहने वाली चिरमिरी जिले के निवासी फातमा सोगरा जो कि आर के फाउंडेशन की संस्थापिका की है और साथ ही साथ समाज सुधार में भी उनका बहुत बड़ा योगदान है वह महिलाओं के उत्थान में और उनके जीवन स्तर को सुधारने में उनकी बहुत मदद करती हैं और इसके लिए उन्हें आईडीवाईएम ग्रुप ऑफ़ कंपनीज नमस्ते इंडिया पृथ्वी अभ्युदय संस्थान की तरफ से महिला दिवस पर अंतर्राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ महिला पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया वाद विवाद प्रतियोगिता के दौरान फातिमा ने कहा कि मुझे लगता है महिला दिवस का औचित्य तब तक प्रमाणित नहीं होता जब तक कि सच्चे अर्थों में महिलाओं की दशा नहीं सुधरती। महिला नीति है लेकिन क्या उसका क्रियान्वयन गंभीरता से हो रहा है। यह देखा जाना चाहिए कि क्या उन्हें उनके अधिकार प्राप्त हो रहे हैं। वास्तविक सशक्तीकरण तो तभी होगा जब महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होंगी। और उनमें कुछ करने का आत्मविश्वास जागेगा। यह महत्वपूर्ण है कि महिला दिवस का आयोजन सिर्फ रस्म अदायगी भर नहीं रह जाए। वैसे यह शुभ संकेत है कि महिलाओं में अधिकारों के प्रति समझ विकसित हुई है। अपनी शक्ति को स्वयं समझकर, जागृति आने से ही महिला घरेलू अत्याचारों से निजात पा सकती है। कामकाजी महिलाएं अपने उत्पीड़न से छुटकारा पा सकती हैं तभी महिला दिवस की सार्थकता सिद्ध होगी।