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*JASHPUR NEWS:-स्कूल में बच्चों ने मनाया शिक्षक दिवस और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी,नाटक मंचन कर बताया शिक्षक का महत्व,श्रीकृष्ण-राधा के वेषभूषा में आकर्षण का केंद्र बने बच्चें..।*

 

 

जशपुरनगर,कोतबा:-नगर के बेनिफेसियल इंग्लिश मीडियम पब्लिक स्कूल व शासकीय आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय में शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया गया।
बच्चों ने विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर अतिथियों को मंत्रमुग्ध करते हुए शिक्षकों के महत्व को उजागर किया।वहीं शिक्षकों ने भी बच्चों को आशीर्वाद देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

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इस दौरान स्कूली छात्र-छात्राओं सहित अभिभावक सहित संस्था के शिक्षकगण उपस्थित थे। मंगलवार को बेनिफेसियल इंग्लिश मीडियम पब्लिक स्कूल में शिक्षक दिवस के साथ ही छत्तीसगढ़ का त्यौहार करमछठ,हलषष्ठी के साथ, श्री कृष्ण जन्माष्टमी जन्मोत्सव भी मनाया गया। इस दौरान छोटे-छोटे बच्चे श्रीकृष्ण-राधा और सुदामा के आकर्षक परिधान पहनकर पहुंचे.बच्चों ने बालकृष्ण राधा सहित सुदामा के बाल चरित्रों का वर्षण कर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर सबको हर्षाया। इंडियन बेनिफिसियल संस्था प्रमुख श्रीमती प्राची निखाड़े ने बच्चो को शिक्षक दिवस के अवसर पर हमारे जीवन को संवारने में शिक्षक एक बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। सफलता प्राप्ति के लिए वो हमें कई प्रकार से मदद करते है, जैसे हमारे ज्ञान, कौशल के स्तर, विश्वास आदि को बढ़ाते है तथा हमारे जीवन को सही आकार में ढ़ालते है।

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अत: अपने निष्ठावान शिक्षक के लिए हमारी भी कुछ जिम्मेदारी बनती है। हम सभी को एक आज्ञाकारी विद्यार्थी के रुप में अपने शिक्षक का दिल से अभिनंदन करने की जरुरत है और जीवनभर अध्यापन के अपने निस्स्वार्थ सेवा के लिये साथ ही अपने अनगिनत विद्यार्थीयों के जीवन को सही आकार देने के लिये उन्हें धन्यवाद देना चाहिए। शिक्षक दिवस (जो हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है) हम सभी के लिए उन्हें धन्यवाद देने और अपना एक दिन उनके साथ बिताने के लिए ये एक महान अवसर है। वही बच्चो को जानकारी देते हुए अभिभावक श्रीमती श्रद्धा जीनु शर्मा ने बताया किआज छत्तीसगढ़ में पारंपरिक त्यौहार कमरछठ मनाया जा रहा है। इस त्यौहार में महिलाएं व्रत रख कर शिव पार्वती की पूजा करती हैं। और अपने संतान के लंबी आयु की कामना करती हैं। हर साल भादो माह की षष्ठी तिथि के दिन हल षष्ठी का व्रत रखा जाता है। इसे कई राज्यों में हलछठ और ललही छठ के नाम से जाना जाता है।वहीं छत्तीसगढ़ में कमरछठ के नाम से जाना जाता है। छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्यौहारों में शामिल कमरछठ का विशेष महत्व है, महिलाएं इस व्रत को संतान प्राप्ति और संतान की सुख-समृद्धि के लिए करती हैं। साथ ही संस्था में जन्माष्टमी पर कृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें नन्हे बालक बालिकाओं ने कृष्ण एंव राधा के वेश में अपनी प्रस्तुति दी। नन्हें- मुन्हे बच्चों ने वृक्ष का रूप लेकर पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ बचाओ पेड़ लगाओ का संदेश दिया और पर्यावरण को सुरक्षित रखने पर बल दिया। पानी की एक- एक बूंद का महत्व बताते हुए जल संरक्षण का संदेश दिया गया। साथ ही शौचालय के महत्व को बताते हुए खुले में शौच न जाकर शौचालय के उपयोग करने का संदेश दिया। वहीं कृष्ण सुदामा बनकर मित्रता की मिसाल बनकर पर्यावरण मित्र बनने व पर्यावरण संरक्षण के संदेश दिए। साथ ही नगर में स्वच्छता का भी संदेश दिया गया। बच्चे कृष्ण के बाल रूप में दर्शकों से खूब तालियां बटोरी और मनमोहन प्रस्तुति दी। संस्था प्रमुख श्रीमती प्राची निखाड़े ने बताया कि ऐसे कार्यक्रम से बच्चों का आत्मबल बढ़ता है और उन्हें मंच मिलता है। उद्देश्य है कि बच्चों में बेहतर शिक्षा के साथ संस्कारवान बने और देश निर्माण में भागीदारी बने।

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